प्रोफेसर जयंत नार्लीकर (1938-2025)
हाल ही में, खगोल वैज्ञानिक प्रोफेसर जयंत नार्लीकर का 86 वर्ष की आयु में निधन हो गया। उन्होंने बिग बैंग सिद्धांत का एक वैकल्पिक सिद्धांत प्रस्तुत किया था।
जयंत नार्लीकर के बारे में

- इनका जन्म 1938 में महाराष्ट्र के कोल्हापुर में हुआ था।
- इन्होंने 1957 में बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) से B.Sc. की डिग्री प्राप्त की थी।
- वैज्ञानिक योगदान
- ब्रह्मांड-विज्ञान में उनके प्रमुख योगदानों में शामिल हैं:
- हॉयल- नार्लीकर सिद्धांत, जो बिग बैंग मॉडल का एक वैकल्पिक सिद्धांत है।
- टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च (TIFR) में थ्योरिटिकल एस्ट्रोफिजिक्स ग्रुप को विस्तार देने में इनका महत्वपूर्ण योगदान था।
- ये इंटर-यूनिवर्सिटी सेंटर फॉर एस्ट्रोनॉमी एंड एस्ट्रोफिजिक्स (IUCAA) के संस्थापक निदेशक भी रहे थे।
- ब्रह्मांड-विज्ञान में उनके प्रमुख योगदानों में शामिल हैं:
- पुरस्कार
- यूनेस्को का कलिंग पुरस्कार; तथा
- पद्म भूषण और पद्म विभूषण पुरस्कार।