अमेरिकी राष्ट्रपति ने ‘गोल्डन डोम’ मिसाइल रक्षा प्रणाली के विकास की घोषणा की | Current Affairs | Vision IAS
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अमेरिकी राष्ट्रपति ने ‘गोल्डन डोम’ मिसाइल रक्षा प्रणाली के विकास की घोषणा की

Posted 21 May 2025

8 min read

संयुक्त राज्य अमेरिका की ‘गोल्डन डोम’ प्रणाली इजरायल के ‘आयरन डोम’ से प्रेरित है।  हालांकि, अमेरिकी डिफेंस सिस्टम में दुश्मन की मिसाइलों को नष्ट करने के लिए निगरानी और इंटरसेप्टर, दोनों प्रकार के सैटेलाइट्स शामिल होंगे। 

  • गोल्डन डोम परियोजना स्पेस फाॅर्स के एक जनरल के नेतृत्व में चलाई जाएगी।

गोल्डन डोम परियोजना के बारे में

  • उद्देश्य: सैकड़ों की संख्या वाले सैटेलाइट्स का एक नेटवर्क बनाना, जो दुश्मन की मिसाइलों का पता लगाएंगे उनका पीछा करेंगे और जरूरत पड़ने पर उन्हें नष्ट भी करेंगे। 
    • यह सिस्टम संयुक्त राज्य अमेरिका को पारंपरिक या परमाणु क्षमता से लैस क्रूज़ मिसाइलों, बैलिस्टिक मिसाइलों, हाइपरसोनिक मिसाइलों और ड्रोन से सुरक्षा प्रदान करेगा।
    • इसमें हमला करने वाली सैटेलाइट्स की एक अलग टुकड़ी होगी, जो प्रक्षेपण के तुरंत बाद दुश्मन की मिसाइलों को मार गिराएगी।
  • कंपोनेंट्स: इसमें उच्च तकनीक वाले डिटेक्शन सेंसर, ट्रैकिंग टूल्स, इंटरसेप्टर मिसाइलें और कमांड-एंड-कंट्रोल नेटवर्क शामिल होंगे।
    • प्रत्येक कंपोनेंट स्वतः संचालित होगा, लेकिन सभी एक-दूसरे के साथ रीयल टाइम में जानकारी साझा करेंगे।
  • मुख्य चिंताएं: रूस और चीन ने गोल्डन डोम प्रोजेक्ट की आलोचना की है। उन्होंने अमेरिका के इस कदम को अंतरिक्ष को “युद्धक्षेत्र” में बदलने की दिशा में प्रयास बताया है।
    • यह प्रोजेक्ट बाह्य अंतरिक्ष संधि, 1966 की भावना के विरुद्ध है। इस संधि के अनुसार कोई भी देश परमाणु हथियार या सामूहिक विनाश के हथियारों को अंतरिक्ष की कक्षा में, खगोलीय पिंडों पर या अंतरिक्ष में तैनात नहीं कर सकता।
  • Tags :
  • संयुक्त राज्य अमेरिका
  • गोल्डन डोम
  • वायु-रक्षा प्रणाली
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