इस रिपोर्ट में वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान RBI के कामकाज के साथ-साथ अर्थव्यवस्था की स्थिति के बारे में भी जानकारी दी गई है।
इस रिपोर्ट के मुख्य बिंदुओं पर एक नजर
- RBI की परिसंपत्ति में वृद्धि: यह सोने, घरेलू निवेश और विदेशी निवेश में बढ़ोतरी के कारण हुई है।
- वित्त वर्ष के दौरान आय में 22.77% तथा व्यय में 7.76% की वृद्धि हुई।
- उच्चतर बचत: वित्त वर्ष 24 में निवल घरेलू बचत सकल राष्ट्रीय प्रयोज्य आय के 5.1% तक बढ़ गई है।
- राष्ट्रीय प्रयोज्य आय = बाजार मूल्यों पर निवल राष्ट्रीय उत्पाद (सकल राष्ट्रीय उत्पाद - मूल्यह्रास) + शेष विश्व से अन्य चालू अंतरण।
- केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा (CBDC) या ई-रुपया: मार्च 2025 के अंत तक बाजार में इनका संचरण बढ़कर 1,016 करोड़ रुपए हो गया है।
- RBI अब सीमा-पार भुगतान में प्रायोगिक तौर पर CBDC का इस्तेमाल करने पर विचार कर रहा है।
- खुदरा और थोक के लिए भी CBDC का प्रायोगिक तौर पर विस्तार किया जाएगा।
- CBDC भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी भारत की भौतिक मुद्रा का डिजिटल रूप है।
- न्यूनतम ऋण अनुपात: भारत का बाह्य ऋण-GDP अनुपात दिसंबर 2024 में 19.1% रहा, जो उभरते बाजारों में सबसे कम है।
- सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था: RBI ने 2025-26 के लिए वास्तविक GDP वृद्धि 6.5 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है।
- हेडलाइन मुद्रास्फीति: अनुमान है कि इसमें कमी आएगी और यह 2025-26 में धीरे-धीरे RBI द्वारा निर्धारित लक्ष्य के करीब पहुंच जाएगी।
- करेंसी-डिपॉजिट अनुपात: डिजिटल लेन-देन में वृद्धि के कारण यह मार्च 2025 तक घटकर 15.4% हो गया है।