दक्षिण एशिया की सबसे बड़ी बैटरी ऊर्जा भंडारण प्रणाली (BESS) का दिल्ली में उद्घाटन किया गया | Current Affairs | Vision IAS
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दक्षिण एशिया की सबसे बड़ी बैटरी ऊर्जा भंडारण प्रणाली (BESS) का दिल्ली में उद्घाटन किया गया

Posted 30 May 2025

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इसकी क्षमता 20-MW (40 MWh) है। इसे BRPL (BSES राजधानी पावर लिमिटेड) सबस्टेशन पर स्थापित किया गया है। यह भारत की "पहली व्यावसायिक रूप से स्वीकृत" उपयोगिता-स्तरीय ऊर्जा भंडारण प्रणाली भी है। 

  • यह उन्नत लिथियम आयरन फॉस्फेट (LFP) तकनीक का लाभ उठती है, जो बेहतर सुरक्षा, तापीय स्थिरता और स्थायित्व के लिए जानी जाती है। 
    • लिथियम-आयरन फॉस्फेट (LiFePO4) बैटरियों में, कैथोड लिथियम मेटल ऑक्साइड की बजाय लिथियम मेटल फॉस्फेट से बना होता है। 

बैटरी ऊर्जा भंडारण प्रणाली (BESS) के बारे में 

  • इसके बारे में: यह एक इलेक्ट्रोकेमिकल ऊर्जा भंडारण प्रणाली है। यह नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों से प्राप्त विद्युत ऊर्जा को रासायनिक ऊर्जा के रूप में संग्रहीत करती है तथा अत्यधिक जरूरत पड़ने पर इसका उपयोग किया जाता है। 
  • महत्त्व: भविष्य की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने में सहायक है; नवीकरणीय ऊर्जा में उतार-चढ़ाव को नियंत्रित करने में मददगार है, आदि। 
    • राष्ट्रीय विद्युत योजना, 2023 के अनुसार 2031-32 तक 236 GWh BESS की आवश्यकता होगी। 
  • BESS के दो प्रमुख प्रकार है:
    • पारंपरिक ठोस रिचार्जेबल बैटरियां: इनमें ऊर्जा ठोस धातु इलेक्ट्रोड्स में संग्रहित होती है। इसके प्रमुख उदाहरण निम्नलिखित हैं: 
      • लेड एसिड बैटरी (एनोड- लेड, कैथोड- लेड डाइऑक्साइड);
      • लिथियम आयन बैटरी [एनोड- ग्रेफाइट, कैथोड- लिथियम ऑक्साइड (LiMO2; M=Co, Ni)];
      • जिंक एयर बैटरी (एनोड- जिंक, कैथोड- एयर/ ऑक्सीजन); तथा 
      • सोडियम सल्फर (NaS) (एनोड- सोडियम, कैथोड- सल्फर)। 
  • फ्लो बैटरियां: इनमें ऊर्जा तरल इलेक्ट्रोलाइट्स में संग्रहित होती है जो अलग-अलग टैंकों में रखे जाते हैं। उदाहरण: वैनेडियम रेडॉक्स फ्लो बैटरी, जिंक-आयरन फ्लो बैटरी, जिंक-ब्रोमीन बैटरी, आदि।

बैटरी ऊर्जा भंडारण प्रणाली (BESS) को बढ़ावा देने के लिए अन्य पहलें

  • 13,200 मेगावाट BESS का समर्थन करने के लिए वायबिलिटी गैप फंडिंग (VGF) योजना।
  • ऊर्जा भंडारण प्रणालियों के संवर्धन के लिए नेशनल फ्रेमवर्क 2023. 
  • 30.06.2025 तक चालू होने वाली BESS परियोजनाओं को अंतर-राज्यीय पारेषण शुल्क से छूट दी जाएगी
  • Tags :
  • बैटरी ऊर्जा भंडारण प्रणाली
  • राष्ट्रीय विद्युत योजना
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