केंद्र प्रायोजित योजनाओं (CSSs) और केंद्रीय क्षेत्रक योजनाओं (CSs) के मूल्यांकन एवं अनुमोदन की यह प्रक्रिया अगले पांच वर्षों के लिए इन्हें जारी रखने हेतु शुरू की गई है।
- उपर्युक्त योजनाओं की नई पंचवर्षीय अवधि 1 अप्रैल, 2026 से शुरू होगी। यह अवधि 16वें वित्त आयोग की सिफारिशों के लागू होने के कार्यकाल के अनुरूप होगी।
- वर्तमान में 54 केंद्र प्रायोजित योजनाएं और 260 केंद्रीय क्षेत्रक योजनाएं हैं, जिन्हें आगे जारी रखने के लिए 31 मार्च, 2026 तक अनुमोदित करना होगा। अनुमोदन से पहले इन योजनाओं का पुनर्मूल्यांकन किए जाने की संभावना है।
मूल्यांकन (Appraisal) और अनुमोदन (Approval) से संबंधित मुख्य बिंदु
- प्रावधान: 2016 के केंद्रीय बजट में योजनाओं का मूल्यांकन और अनुमोदन अनिवार्य किया गया था। नए प्रावधान के तहत प्रत्येक योजना की समाप्ति की तिथि (Sunset Clause) निर्धारित होनी चाहिए। साथ ही, योजनाओं को आगे जारी रखने की मंजूरी देने से पहले आउटकम-आधारित समीक्षा होनी चाहिए।
- मूल्यांकन करने वाली संस्थाएं:
- केंद्र प्रायोजित योजनाओं का मूल्यांकन नीति आयोग के अंतर्गत विकास निगरानी एवं मूल्यांकन संगठन (DMEO) द्वारा किया जाता है।
- केंद्रीय क्षेत्रक योजनाओं का मूल्यांकन संबंधित मंत्रालयों द्वारा चयनित तीसरे पक्ष की एजेंसियों द्वारा किया जाता है।
- महत्त्व: मूल्यांकन और अनुमोदन प्रक्रिया के निम्नलिखित उद्देश्य हैं:
- अनुपयोगी और अप्रभावी प्रावधानों या उपायों को हटाना,
- समान उद्देश्य वाली योजनाओं का विलय करना,
- ऐसी योजनाओं को समाप्त करना, जिनकी उपयोगिता समाप्त हो चुकी है, तथा
- सीमित लोक संसाधनों का सर्वोत्तम उपयोग सुनिश्चित करना।
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