यह रिपोर्ट इसरो की अंतरिक्ष स्थितिजन्य जागरूकता (SSA) गतिविधियों के अंतर्गत इसरो सुरक्षित एवं दीर्घकालीन अंतरिक्ष प्रचालन प्रबंधन प्रणाली (IS4OM) द्वारा प्रतिवर्ष संकलित की जाती है।
- SSA में अंतरिक्ष आधारित दशाओं की जानकारी, खतरों का आकलन और शमन संबंधी उपायों का कार्यान्वयन शामिल है।
इस रिपोर्ट में भारत से संबंधित मुख्य बिंदुओं पर एक नजर
- प्रक्षेपित एवं परिचालनरत अंतरिक्ष यान: कुल 136 अंतरिक्ष यान प्रक्षेपित किए जा चुके हैं।
- सरकार के स्वामित्व वाले कार्यरत उपग्रह: इनकी संख्या निम्न भू-कक्षा (LEO) में 22 और भू-तुल्यकालिक भू-कक्षा (GEO) में 31 है।
- कार्यरत डीप स्पेस मिशंस: चंद्रयान-2 ऑर्बिटर (CH2O) और सूर्य-पृथ्वी से संबंधित लैग्रेंज बिंदु पर स्थापित आदित्य-L1.
- कॉलिजन अवॉइडेंस मैन्यूवर्स (टकराव से बचने के उपाय) (CAMs): इसरो ने 2024 में 10 कॉलिजन अवॉइडेंस मैन्यूवर्स का निष्पादन किया था।
- वायुमंडल में पुनः प्रवेश: 2024 में कार्टोसैट-2 सहित 9 भारतीय उपग्रहों ने वायुमंडल में पुनः प्रवेश किया था।
- अंतरिक्ष यान को डीकमीशन करना: स्कैटसैट-1 को INS-2B और EOS-7 के साथ मिशन समाप्त होने के बाद डी-ऑर्बिट किया गया था। यह प्रक्रिया संबंधित अंतरिक्ष मिशन के बाद की नियमित कार्यवाही का हिस्सा होती है।
- PSLV ऑर्बिटल एक्सपेरिमेंटल मॉड्यूल (POEM): यह प्रौद्योगिकी का प्रदर्शन करने वाला मिशन है। इसमें POEM-3 और POEM-4 के अपर स्टेज को 350 किमी की ऊंचाई पर डी-ऑर्बिट कर दिया गया था।
- अंतरिक्ष क्षेत्रक में अग्रणी: भारत वर्तमान में बाह्य अंतरिक्ष गतिविधियों की दीर्घकालिक स्थिरता पर संयुक्त राष्ट्र कार्य समूह का अध्यक्ष है।
- इसरो ने 2023-24 के लिए इंटर-एजेंसी डेब्रिज कोआर्डिनेशन कमेटी (IADC) की अध्यक्षता की थी और 42वीं वार्षिक IADC बैठक की मेजबानी की है, जहां इसने निम्नलिखित में योगदान दिया:
- IADC अंतरिक्ष मलबा शमन दिशा-निर्देशों में संशोधन।
- डेब्रिज फ्री स्पेस मिशन (DFSM) की घोषणा की है। इसे 2030 तक सभी भारतीय अंतरिक्ष अभिकर्ताओं द्वारा प्राप्त किया जाएगा, चाहे वे सरकारी हों या गैर-सरकारी।
- इसरो ने 2023-24 के लिए इंटर-एजेंसी डेब्रिज कोआर्डिनेशन कमेटी (IADC) की अध्यक्षता की थी और 42वीं वार्षिक IADC बैठक की मेजबानी की है, जहां इसने निम्नलिखित में योगदान दिया:
वैश्विक परिदृश्य
|