इससे गैस आधारित अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा, पर्यावरण प्रदूषण कम होगा, लागत प्रभावी ईंधन उपलब्ध होगा और समग्र आर्थिक विकास सुनिश्चित होगा।
- इससे “एक राष्ट्र एक गैस ग्रिड” के विज़न को साकार करने में भी मदद मिलेगी। साथ ही, 2030 तक भारत की प्राथमिक ऊर्जा बास्केट में प्राकृतिक गैस की हिस्सेदारी 15% तक बढ़ जाएगी।
CGD नेटवर्क
- CGD नेटवर्क के बारे में: यह PNG कनेक्शन, CNG स्टेशनों और पाइपलाइन अवसंरचनाओं के माध्यम से पाइप्ड नेचुरल गैस (PNG) एवं संपीडित प्राकृतिक गैस (CNG) की आपूर्ति के लिए भूमिगत प्राकृतिक गैस पाइपलाइनों की एक परस्पर जुड़ी प्रणाली है।
- CNG का उपयोग ऑटो-ईंधन के रूप में किया जाता है, जबकि PNG का उपयोग घरेलू, वाणिज्यिक और औद्योगिक क्षेत्रों में किया जाता है।
- प्राकृतिक गैस, ऊर्जा का एक जीवाश्म ईंधन आधारित स्रोत है। यह मुख्य रूप से मीथेन (CH4) से बना एक गंधहीन व गैसीय हाइड्रोकार्बन मिश्रण है।
- पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस विनियामक बोर्ड (PNGRB) की भूमिका: यह अधिनियम किसी निर्दिष्ट भौगोलिक क्षेत्र (Geographical Area) में CGD नेटवर्क विकसित करने के लिए संस्थाओं को प्राधिकार प्रदान करता है।
- PNGRB का गठन PNGRB अधिनियम, 2006 के तहत किया गया था, ताकि पेट्रोलियम, पेट्रोलियम उत्पादों और प्राकृतिक गैस से संबंधित गतिविधियों में लगे लोगों के हितों की सुरक्षा की जा सके।
- प्रमुख उपलब्धियां:
- CGD नेटवर्क: PNGRB ने (12/12A CGD बोली दौर के बाद) पूरे देश को कवर करते हुए 307 भौगोलिक क्षेत्रों में CGD नेटवर्क विकास को अधिकृत किया है।
- वर्तमान में इसका विस्तार 550 जिलों तक हो गया है। 2014 में कुल 66 जिलों तक विस्तार हुआ था।
- CGD नेटवर्क: PNGRB ने (12/12A CGD बोली दौर के बाद) पूरे देश को कवर करते हुए 307 भौगोलिक क्षेत्रों में CGD नेटवर्क विकास को अधिकृत किया है।

CGD नेटवर्क को बढ़ावा देने के लिए उठाए गए कदम
- ऊर्जा गंगा परियोजना: इसके तहत गैस पाइपलाइन को पूर्वी भारत के राज्यों से जोड़ने का काम हो रहा है।
- अन्य: CGD क्षेत्रक को घरेलू प्राकृतिक गैस आवंटित करना; CGD परियोजनाओं को सार्वजनिक उपयोगिता का दर्जा प्रदान करना; रक्षा और सार्वजनिक क्षेत्रक के उपक्रमों के आवासीय क्षेत्रों में PNG के उपयोग के लिए दिशा-निर्देश जारी करना आदि।