वर्तमान में अधिकतर ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स बैंकों और NBFCs के साथ गठजोड़ करके ऋण प्रदान करते हैं।
- अब, फ्लिपकार्ट अपने प्लेटफॉर्म पर और अपने फिनटेक ऐप ‘सुपर.मनी (super.money)’ के माध्यम से ग्राहकों एवं विक्रेताओं को सीधे ऋण प्रदान कर सकेगा।
गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFCs) के बारे में
- गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां कंपनी अधिनियम, 1956 या कंपनी अधिनियम, 2013 के तहत पंजीकृत कंपनी होती हैं।
- मुख्य व्यवसाय: ऋण और अग्रिम प्रदान करना; सरकारी या स्थानीय प्राधिकरणों द्वारा जारी किए गए शेयर्स/ स्टॉक्स/ बॉण्ड्स/ डिबेंचर्स/ प्रतिभूतियों को खरीदना; बाजार खरीद-बिक्री योग्य ऐसे ही अन्य प्रतिभूतियों को खरीदना या बेचना; लीजिंग व हायर-परचेज जैसी सेवाएं प्रदान करना; आदि।
- इसमें कृषि गतिविधि, औद्योगिक गतिविधि, किसी भी सामान की खरीद या बिक्री (प्रतिभूतियों के अलावा) या कोई भी सेवा प्रदान करना तथा अचल संपत्ति की बिक्री/ खरीद/ निर्माण शामिल नहीं है।
- NBFCs के काम-काज और संचालन को भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम, 1934 के तहत RBI द्वारा विनियमित किया जाता है।
- NBFCs का महत्त्व:
- 2023 में भारत के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में NBFCs का योगदान 12.60% था।
- 2023 में टिकाऊ उपभोक्ता वस्तुओं (जैसे- टीवी, फ्रिज, एसी, फर्नीचर आदि) के लिए ऋण देने वाले बाजार में NBFCs की हिस्सेदारी लगभग 61% रही।
- बॉस्टन कंसल्टिंग ग्रुप के अनुसार, वित्त वर्ष 2025 में NBFCs ने ऋण वितरण में वाणिज्यिक बैंकों की तुलना में कहीं तेजी से वृद्धि की है।
बैंकों और NBFCs के बीच क्या अंतर है?
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