इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY), भारतीय कंप्यूटर आपातकालीन प्रतिक्रिया दल (CERT-In) और साइबर सुरक्षा फर्म SISA ने "ट्रांजिशनिंग टू क्वांटम साइबर रेडीनेस" शीर्षक से एक श्वेत-पत्र जारी किया।
क्वांटम साइबर रेडीनेस की आवश्यकता क्यों है?
- हार्वेस्ट नाउ, डिक्रिप्ट लेटर (HNDL) हमले: इसमें मौजूदा समय में डेटा को स्टोर कर लिया जाता है और भविष्य में जब क्वांटम कंप्यूटर विकसित हो जाएंगे, तब उनकी मदद से उसे डिक्रिप्ट किया जा सके।
- यह डिजिटल सर्टिफिकेट्स, ब्लॉकचेन, क्रिप्टोकरेंसी आदि से संबंधित डेटा उल्लंघन से जुड़ा है।
- रिवेस्ट-शमीर-एडलमैन (RSA) जैसे एन्क्रिप्शन एल्गोरिदम, जो वर्तमान डिजिटल सुरक्षा के आधार हैं, अगले कुछ वर्षों में क्वांटम कंप्यूटिंग के कारण अप्रचलित हो सकते हैं।
क्वांटम साइबर रेडीनेस के लिए रोडमैप:
- आधारभूत मूल्यांकन और रणनीतिक योजना: उदाहरण के लिए- क्वांटम सुभेद्य संपत्तियों की पहचान करना।
- प्रौद्योगिकी तैयारी और क्षमता निर्माण: उदाहरण के लिए- मौजूदा अवसंरचना का मूल्यांकन एवं अपग्रेड की योजना बनाना।
- चरणबद्ध संगठनात्मक कार्यान्वयन: यह बहु-चरणीय परिवर्तन होना चाहिए, जो संगठन की संरचना, प्राथमिकताओं, संसाधनों और जोखिम सहने की क्षमता के अनुसार हो।
- लचीलापन, निगरानी और भविष्य की सुरक्षा: उदाहरण के लिए- QKD का कार्यान्वयन
क्वांटम साइबर सुरक्षा
|