प्रधान मंत्री ने वस्तु एवं सेवा कर (GST) में अगली पीढ़ी के सुधारों को रेखांकित किया | Current Affairs | Vision IAS
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प्रधान मंत्री ने स्वतंत्रता दिवस 2025 के अपने संबोधन में GST में सुधार को लेकर कई अहम घोषणाएं कीं। 

  • ये सुधार संरचनात्मक सुधारों; GST दरों एवं स्लैब्स को कम करने तथा लोगों की परेशानियों को दूर करने से संबंधित हैं। 
  • इन सुधारों पर विचार करने के लिए एक प्रस्ताव जीएसटी परिषद द्वारा गठित मंत्रियों के समूह (GoM) को भेजा गया है।

प्रस्तावित मुख्य सुधार

  • संरचनात्मक सुधार:
    • इनवर्टेड ड्यूटी प्रणाली में सुधार: इनका उद्देश्य इनपुट–आउटपुट कर दरों में सामंजस्य सुनिश्चित करना है, ताकि इनपुट टैक्स क्रेडिट के जमा होते रहने की समस्या को दूर किया जा सके और वैल्यू एडिशन को बढ़ावा मिल सके।
      • इनवर्टेड ड्यूटी कराधान प्रणाली का एक प्रकार है। इसमें किसी कच्चे माल (इनपुट) के आयात पर तुलनात्मक रूप से अधिक कर लगाया जाता है, जबकि उस कच्चे माल से तैयार उत्पादों (फिनिश्ड गुड्स) पर कम कर लगाया जाता है। यह तब भी देखा जाता है, जब कच्चे माल पर कर लगाया जाता है, लेकिन अंतिम उत्पाद कर-मुक्त होता है। 
        • उदाहरण के लिए; टायर (तैयार माल) के आयात पर 10% शुल्क लगाना, वहीं प्राकृतिक रबड़ (टायर बनाने के लिए कच्चा माल) के आयात पर 20% शुल्क लगाना। 
    • वर्गीकरण संबंधी मुद्दों का समाधान करना: इसका उद्देश्य GST दरों को व्यवस्थित करना; विवादों को कम करना; नियमों के अनुपालन को सरल बनाना और समानता सुनिश्चित करना है।
    • स्थिरता और अपेक्षा के अनुरूप: इसका उद्देश्य GST प्रणाली पर उद्योग जगत के विश्वास को मजबूत करने के लिए दरों एवं नीतिगत उपायों पर दीर्घकालिक स्पष्टता प्रदान करना है।
  • GST दरों और स्लैब को कम करना:
    • आम आदमी के उपभोग की वस्तुओं और एस्पिरेशनल गुड्स पर करों में कमी की जाएगी।
    • GST स्लैब की संख्या में कमी: इसका उद्देश्य मूल रूप से GST कर की दरों को दो स्लैब्स (स्टैण्डर्ड और मेरिट) तक सीमित रखते हुए इसे सरल बनाना है। विशेष दरें केवल चुनिंदा वस्तुओं पर लगाई जाएंगी।
    • प्रतिपूर्ति उपकर (Compensation Cess) की समाप्ति से उत्पन्न चुनौतियों के समाधान के लिए वित्तीय संसाधनों का उपयोग किया जा सकता है। इससे लंबे समय तक GST की सफलता सुनिश्चित की जा सकती है।
  • परेशानियों को दूर करना:
    • इसमें निम्नलिखित शामिल हैं:
      • तकनीक-आधारित बिना बाधा के पंजीकरण;
      • पहले से भरे हुए रिटर्न (मैनुअल आवेदन को कम करना और विसंगतियों को समाप्त करना); तथा 
      • निर्यातकों के लिए तेजी से व स्वचालित रिफंड प्रोसेसिंग।

वस्तु एवं सेवा कर (GST) के बारे में

  • यह भारत में वस्तुओं और सेवाओं की आपूर्ति पर लगाया जाने वाला एक व्यापक अप्रत्यक्ष कर है।
  • इसे 2017 में 101वें संविधान संशोधन अधिनियम द्वारा लागू किया गया था।
  • मुख्य विशेषताएं:
    • एक राष्ट्र, एक कर: इसने उत्पाद शुल्क, सेवा कर जैसे विविध केंद्रीय व राज्य अप्रत्यक्ष करों को अपने में समाहित कर लिया।
    • द्वि-स्तरीय संरचना: इसमें केंद्रीय जीएसटी (CGST) और राज्य जीएसटी (SGST) शामिल हैं। 
      • इसके अतिरिक्त, अंतर्राज्यीय आपूर्ति और आयात पर एकीकृत जीएसटी (ICGST) भी लगाया जाता है। इसे केंद्र सरकार द्वारा एकत्र किया जाता है, लेकिन गंतव्य राज्य को आवंटित कर दिया जाता है।
    • गवर्नेंस: जीएसटी परिषद वस्तु एवं सेवा कर पर निर्णय लेने वाली प्रमुख संस्था है।
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