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दो भारतीय एक्वानॉट्स ने अटलांटिक महासागर में अत्यधिक गहराई में गोता लगाकर ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की

Posted 16 Aug 2025

1 min read

दो भारतीय एक्वानॉट्स ने अटलांटिक महासागर में 4,025 और 5,002 मीटर की ऐतिहासिक गहराई तक गोता लगाकर एक नया कीर्तिमान स्थापित किया। इस उपलब्धि के साथ, भारत गहरे समुद्र का अन्वेषण करने में सक्षम कुछ ही देशों की श्रेणी में आ गया है।

  • यह गोता फ्रांस के समुद्री अनुसंधान संस्थान IFREMER के सहयोग से फ्रांसीसी सबमर्सिबल 'नौटाइल' से लगाया गया था। इस मिशन का नेतृत्व चेन्नई स्थित राष्ट्रीय महासागर प्रौद्योगिकी संस्थान (NIOT) की एक टीम ने किया था।
  • यह ऐतिहासिक गोता भारत के समुद्रयान मिशन की एक प्रकार से तैयारी है, जो डीप ओशन मिशन का एक हिस्सा है। 
    • ‘समुद्रयान मिशन’ 2027 में लॉन्च होगा। इसका लक्ष्य स्वदेशी रूप से विकसित सबमर्सिबल 'मत्स्य-6000' (MATSYA-6000) में तीन एक्वानॉट्स को 6,000 मीटर की गहराई तक भेजना है।
      • मत्स्य-6000 अपनी तरह का पहला, चौथी पीढ़ी का वैज्ञानिक सबमर्सिबल होगा, जो समुद्र के भीतर सामान्य स्थिति में 12 घंटे और आपातकालीन स्थिति में 96 घंटे तक रह सकता है।

डीप ओशन मिशन के बारे में

  • शुरुआत: 2021 में पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय द्वारा एक मिशन-मोड प्रोजेक्ट के रूप में।
  • उद्देश्य: इस मिशन का उद्देश्य महासागर के संसाधनों की खोज और उनके संधारणीय उपयोग के लिए डीप ओशन प्रौद्योगिकियों का विकास करना है। इन प्रौद्योगिकियों से भारत की ब्लू इकोनॉमी को बढ़ावा मिलेगा तथा जलवायु परिवर्तन के प्रभावों व प्रदूषण से निपटा जा सकेगा। 
  • बजट और समय-सीमा: 4077 करोड़ रुपये का अनुमानित बजट। यह मिशन 5 साल (2021-2026) तक जारी रहेगा। 

इसके अलावा, प्रधान मंत्री ने हाल ही में समुद्र में तेल और गैस के भंडारों का पता लगाने के लिए राष्ट्रीय डीपवाटर अन्वेषण मिशन (National Deepwater Exploration Mission) की भी घोषणा की है।

  • Tags :
  • Deep Ocean Mission
  • Samudrayaan Mission
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