APEDA ने कृषि-खाद्य स्टार्ट-अप्स को समर्थन देने और भारत के कृषि-खाद्य निर्यात को बढ़ावा देने के लिए भारती (BHARATI) नामक पहल शुरू की | Current Affairs | Vision IAS
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यह पहल सरकार के आत्मनिर्भर भारत और स्टार्ट-अप इंडिया विज़न से जुड़ी हुई है। यह भारत की वैश्विक कृषि-खाद्य व्यापार में भागीदारी को मजबूत करेगी।

BHARATI के बारे में

  • BHARATI का अर्थ है- भारत हब फॉर एग्रीटेक, रेज़िलियंस, एडवांसमेंट एंड इन्क्यूबेशन फॉर एक्सपोर्ट एनेबलमेंट।
  • मुख्य उद्देश्य:
    • इसका उद्देश्य 100 कृषि-खाद्य स्टार्ट-अप्स को बढ़ावा देना और 2030 तक 50 बिलियन डॉलर का निर्यात लक्ष्य प्राप्त करना है।
      • चुने गए स्टार्ट-अप्स 3 महीने के विशेष कार्यक्रम से गुजरेंगे, जिसमें उत्पाद विकास, निर्यात की तैयारी, विनियमों का पालन, और बाजार तक पहुंच जैसे प्रशिक्षण शामिल होंगे। 
    • ऐसे स्टार्ट-अप्स को आकर्षित करना, जो उन्नत तकनीकों पर काम कर रहे हों: जैसे- AI आधारित गुणवत्ता नियंत्रण, ब्लॉकचेन से जुड़ी ट्रेसेब्लिटी (उत्पाद की पूरी जानकारी ट्रैक करना), IoT आधारित कोल्ड चेन, एग्री-फिनटेक आदि।
    • उच्च-मूल्य श्रेणियों में नवाचार को बढ़ावा देना: जैसे- GI टैग किए गए कृषि उत्पाद, ऑर्गेनिक फूड्स, सुपरफूड्स, नए तरह के प्रोसेस्ड भारतीय कृषि-खाद्य उत्पाद, पशुपालन से जुड़े उत्पाद, आयुष उत्पाद आदि।
    • निर्यात से जुड़ी चुनौतियों का समाधान निकालना: जैसे- उत्पाद विकास, मूल्य संवर्धन, गुणवत्ता आश्वासन, जल्दी खराब होने वाले उत्पादों की समस्या, बर्बादी और लॉजिस्टिक्स से जुड़े मुद्दे आदि। 

कृषि-स्टार्ट-अप्स की कृषि-निर्यात बढ़ाने में भूमिका

  • आपूर्ति श्रृंखला को सुव्यवस्थित करना: फसल कटाई के बाद होने वाले नुकसान को कम करने के लिए मांग-आधारित कोल्ड चेन, गोदाम की निगरानी और बाजार से जुड़ाव को मजबूत करते हैं। इससे अंतर्राष्ट्रीय बाजारों के लिए उत्पाद की गुणवत्ता को बनाए रखना भी आसान होता है।
  • गुणवत्ता में सुधार: किसानों को बेहतर बीज, खाद एवं तकनीकी मार्गदर्शन प्रदान करते हैं, ताकि उनकी पैदावार ज्यादा हो और उत्पाद निर्यात के योग्य बन सके।
  • प्रोसेसिंग और ट्रेसेब्लिटी (उत्पाद की ट्रैकिंग): खाद्य प्रसंस्करण उद्योग को संगठित करते हैं तथा उत्पाद की पूरी जानकारी (ट्रेसेब्लिटी) उपलब्ध कराते हैं। इससे किसानों की आमदनी बढ़ती है और निर्यात प्रतिस्पर्धा भी मजबूत होती है
  • तकनीक का इस्तेमाल: बिग डेटा व IoT (इंटरनेट ऑफ थिंग्स) का उपयोग कर परिशुद्ध कृषि व कीट नियंत्रण में सहायता करते हैं और मौसम का पूर्वानुमान भी प्रदान करते हैं, ताकि हमेशा उच्च गुणवत्ता वाली फसल तैयार हो सके जो निर्यात योग्य हो।
  • बाजार से जुड़ाव: बाजार से जुड़ने के नए मॉडल्स तैयार करते हैं, जो फसल उत्पादन को उपभोक्ता की मांग से सीधा जोड़ सके। इससे सही समय पर और प्रभावी ढंग से निर्यात ऑर्डर पूरे किए जा सकते हैं।

कृषि स्टार्ट-अप्स भारत की खेती को जीविका आधारित खेती से मुनाफ़ा कमाने वाले उद्यम में बदलने में अहम भूमिका निभा रहे हैं और इससे कृषि-निर्यात पर व्यापक प्रभाव पड़ रहा है।

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