भारत और इजरायल के बीच 1996 में की गई द्विपक्षीय निवेश संधि (BIT) वर्ष 2017 में ही समाप्त हो गई थी।
भारत-इजरायल द्विपक्षीय निवेश संधि (BIT) की मुख्य विशेषताएं
- निवेश में बढ़ोतरी: यह संधि दोनों देशों के बीच निवेश को बढ़ावा देगी। वर्तमान में कुल निवेश लगभग 800 मिलियन अमेरिकी डॉलर है।
- निवेशक सुरक्षा: यह निवेशकों को सुरक्षा प्रदान करेगी और साथ ही सरकार द्वारा अपने विनियामक अधिकारों का उपयोग करने की स्वतंत्रता भी बनाए रखेगी। इसमें न्यूनतम मानक की गारंटी दी गई है।
- विवाद निपटान: व्यापार और निवेश को बढ़ाने के लिए इसमें विवाद समाधान की व्यवस्था की गई है, जिसे आर्बिट्रेशन के जरिए सुलझाया जाएगा।
भारत-इजरायल के बीच बढ़ता सहयोग:
- आर्थिक सहयोग: वर्ष 2023-24 में दोनों देशों के बीच कुल व्यापार 6.53 बिलियन अमेरिकी डॉलर रहा (रक्षा को छोड़कर), जिसमें भारत का निर्यात अधिशेष रहा।
- क्षेत्रीय सहयोग: I2U2 साझेदारी का पहला शिखर सम्मेलन 2022 में हुआ था। इसमें भारत, इजरायल, संयुक्त अरब अमीरात और संयुक्त राज्य अमेरिका ने भाग लिया था।
- नवाचार और विज्ञान-तकनीक: उदाहरण के लिए- 2023-27 तक (5 वर्ष) के लिए इंडिया-इजरायल इंडस्ट्रियल R&D एंड इनोवेशन फंड (I4F) की स्थापना हुई है।
- रक्षा सहयोग: दोनों ने मिलकर बराक-8 मिसाइल प्रणाली विकसित की है और हाइफ़ा बंदरगाह का नियमित पोर्ट कॉल्स के रूप में उपयोग किया जाता है।
- अन्य क्षेत्र: सांस्कृतिक आदान-प्रदान कार्यक्रम, स्वास्थ्य और चिकित्सा क्षेत्रक में सहयोग, कृषि व जल प्रबंधन पर विभिन्न समझौते (MoUs) आदि शामिल हैं।
द्विपक्षीय निवेश संधि (BIT) के बारे में
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