RBI ने छह सदस्यीय 'भुगतान विनियामक बोर्ड' का गठन किया | Current Affairs | Vision IAS
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RBI ने भुगतान प्रणालियों की देखरेख के लिए छह सदस्यीय भुगतान विनियामक बोर्ड का गठन किया है, जो पूर्ववर्ती BPSS का स्थान लेगा, तथा भुगतान और निपटान प्रणाली अधिनियम, 2007 के तहत विनियमन, पर्यवेक्षण और ग्राहक सुरक्षा सुनिश्चित करने में भूमिका निभाएगा।

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यह बोर्ड भुगतान और निपटान प्रणाली अधिनियम, 2007 के तहत भुगतान प्रणालियों के विनियमन एवं पर्यवेक्षण का कार्य करेगा

  • इस नए बोर्ड का गठन ‘भुगतान एवं निपटान प्रणाली विनियमन एवं पर्यवेक्षण बोर्ड (BPSS)’ के स्थान पर किया गया है।

भुगतान विनियामक बोर्ड (Payments Regulatory Board) के बारे में

  • संरचना और गठन:
    • भुगतान और निपटान प्रणाली अधिनियम की धारा 3 के अनुसार, बोर्ड में निम्नलिखित शामिल होंगे-
      • पदेन अध्यक्ष के रूप में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर;
      • पदेन सदस्य के रूप में RBI के उप गवर्नर (जो भुगतान और निपटान प्रणाली के प्रभारी हों);
      • RBI का एक अधिकारी, जिसे रिजर्व बैंक के केंद्रीय बोर्ड द्वारा पदेन सदस्य के रूप में नामित किया जाएगा;
      • केंद्र सरकार द्वारा नामित तीन व्यक्ति, जो भुगतान प्रणाली, IT, साइबर सुरक्षा, कानून के विशेषज्ञ हों।
  • कार्यकाल: 4 वर्ष; दोबारा नियुक्ति के पात्र नहीं; 6 सप्ताह के नोटिस पर त्यागपत्र दे सकते हैं।
  • सदस्य के रूप में नामित होने के लिए निम्नलिखित व्यक्ति पात्र नहीं है: 
    • जो 70 वर्ष से अधिक उम्र का हो; 
    • जो दिवालिया घोषित किया गया हो; 
    • जो किसी अपराध में 180 दिन या उससे अधिक के कारावास के लिए दोषी ठहराया गया हो; 
    • जो संसद या किसी राज्य विधायिका का सदस्य हो ,आदि।
  • RBI के प्रधान विधि सलाहकार स्थायी आमंत्रित सदस्य के रूप में कार्य करेंगे।
  • RBI भुगतान विनियामक बोर्ड की बैठकों के लिए विशेषज्ञों (स्थायी/तदर्थ) को भी आमंत्रित कर सकता है।
  • भुगतान विनियामक बोर्ड की बैठक: वर्ष में कम से कम दो बार बैठक अनिवार्य है। बैठक के लिए के लिए अध्यक्ष (या उनकी अनुपस्थिति में उप-गवर्नर) और एक नामित सदस्य सहित 3 सदस्य का कोरम अनिवार्य है।
  • निर्णय लेना: बोर्ड में निर्णय उपस्थित और मतदान करने वाले सदस्यों के बहुमत से लिया जायेगा
    • किसी विषय पर बराबर की संख्या में मत मिलने पर अध्यक्ष (या उनकी अनुपस्थिति में उप-गवर्नर) के पास निर्णायक मत होगा।

भुगतान और निपटान प्रणाली अधिनियम, 2007 के बारे में

  • लक्ष्यभारत में भुगतान प्रणालियों को विनियमित और पर्यवेक्षण करना। इसमें मैनुअल क्लियरिंग से लेकर RTGS और NEFT जैसे इलेक्ट्रॉनिक ट्रांसफर तक सभी शामिल हैं
  • केंद्रीय प्राधिकरण: भुगतान और निपटान अवसंरचना की देखरेख के लिए RBI को केंद्रीय प्राधिकरण के रूप में नामित किया गया है।
  • ग्राहकों की सुरक्षा: यह कानून अनुचित शुल्कों के वसूलने पर प्रतिबंध लगाकर और गलतियों के लिए मध्यवर्तियों को जवाबदेह ठहराकर उपभोक्ताओं की सुरक्षा सुनिश्चित करता है।
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