‘एक्सीडेंटल डेथ्स एंड सुसाइड्स इन इंडिया 2023’ रिपोर्ट में 2022 से 2023 तक के आंकड़े प्रकाशित किए गए हैं।
रिपोर्ट के मुख्य बिंदुओं पर एक नजर
- कुल एक्सीडेंटल मृत्यु: यह 2023 में बढ़कर 4,44,104 हो गयी, जो 2022 में 4,30,504 थी।
- इनमें यातायात-दुर्घटनाओं की वजह से 44.6%, आकस्मिक मृत्यु से 14.3%, डूबने से 8.5% मृत्यु हुई हैं।
- सड़क दुर्घटना: यह 2023 में बढ़कर 4,64,029 हो गयी, जबकि 2022 में 4,46,768 थी।
- सड़क दुर्घटना में मृत्यु: यह 2023 में 1.6% बढ़कर 1,73,826 हो गयी, जो 2022 में 1,71,100 थी।
- प्रमुख दुर्घटना स्थल: आवासीय क्षेत्रों के निकट (30.2%) एवं स्कूल/कॉलेजों के निकट (7.1%)।
- प्राकृतिक कारण: इसमें 6,444 मौतें 'बिजली गिरने' (39.7%), 'गर्मी/हिट स्ट्रोक' (12.5%), आदि के कारण हुयी हैं।
- रेलवे दुर्घटनाएँ: रेलवे दुर्घटना के कुल 24,678 मामले दर्ज किये गए और इन दुर्घटनाओं में 21,803 लोगों की मौत हो गई।
- शहरों में दुर्घटनाएँ (53 बड़े शहरों में):
- शीर्ष शहर: मुंबई, पुणे, बेंगलुरु, दिल्ली, जयपुर।
- शहरों में एक्सीडेंटल मृत्यु-दर: 41.0 जो 31.9 के राष्ट्रीय औसत से अधिक है।
- यातायात-दुर्घटना में होने वाली मौतों वाले शीर्ष राज्य: महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, तमिलनाडु।
- अंडमान एवं निकोबार, झारखंड, पंजाब, बिहार, उत्तर प्रदेश में दुर्घटनाओं के बाद घायलों की संख्या से अधिक मरने वालों की संख्या रही है। यह एक दुर्लभ पैटर्न है।
सड़क दुर्घटनाओं के कारण
- तेज गति से वाहन चलाने से 61.4% मौतें हुई हैं; खतरनाक/लापरवाही से वाहन चलाने या ओवरटेक करने से 23.7% मौतें हुयी है।
- खराब मौसम की स्थिति के चलते 2.1%, नशे में वाहन चलाने (शराब/ड्रग्स) से 1.7%, और जानवरों द्वारा सड़क पार करने के दौरान 2.8% मौतें होती है।
- अन्य कारण: इसमें वाहन में गड़बड़ी, सड़क की ख़राब स्थिति, अचानक ब्रेक लगाना आदि शामिल हैं।