विश्व संरक्षण कांग्रेस प्रत्येक चार साल में एक बार आयोजित की जाती है। इसमें सदस्यों की सभा होती है, जो IUCN की सर्वोच्च निर्णय निर्माणकारी संस्था है।
सदस्यों की सभा में प्रस्तुत प्रमुख प्रस्ताव
- रणनीतिक विज़न: 20-वर्षीय रणनीतिक विज़न और अगले चार साल की अवधि के लिए एक नया कार्यक्रम अनुमोदित किए गए।
- अबू धाबी कॉल टू एक्शन: इसके तहत निम्नलिखित पांच क्षेत्रों में कार्यों को सम्पन्न करना है-
- प्रकृति की मानव कल्याण की बुनियाद के रूप में पुनः पुष्टि करना,
- बहुपक्षवाद को सशक्त बनाना,
- न्याय और समावेशन सुनिश्चित करना,
- ज्ञान और नवाचार को बढ़ावा देना, तथा
- प्रकृति और जलवायु कार्रवाई के लिए संसाधनों को बढ़ाना।
- नए सदस्य: IUCN में 100 से अधिक नए सदस्य शामिल किए गए। इनमें 6 नए देश हैं- आर्मेनिया, ताजिकिस्तान, मार्शल द्वीप, गैबॉन, तुवालु और जिम्बाब्वे।
- सिंथेटिक बायोलॉजी और प्रकृति संरक्षण पर प्रथम नीति: इस नीति में कहा गया है कि सिंथेटिक बायोलॉजी से बड़े लाभ मिल सकते हैं, जैसे लुप्त आनुवंशिक विविधता को पुनर्स्थापित करना या आक्रामक विदेशी प्रजातियों को नियंत्रित करना। हालांकि, इससे अनचाहे पारिस्थितिक दुष्प्रभावों का खतरा भी है। इसलिए, एक संतुलित नीति आवश्यक है।
- जीवाश्म ईंधन (प्रस्ताव 042): जीवाश्म ईंधन के उत्पादन को पर्यावरण के लिए सीधा खतरा माना गया। इसलिए इसके उत्पादन और उपयोग को चरणबद्ध रूप से समाप्त करने पर एक संधि तथा न्यायसंगत तरीके से स्वच्छ ऊर्जा अपनाने की अपील की गई।
- वन्यजीव व्यापार (प्रस्ताव 108): पालतू जानवरों के रूप में रखे जाने वाले जंगली जानवरों के व्यावसायिक व्यापार को नियंत्रित करने के लिए नियम प्रस्तावित किए गए।
- पारिस्थितिकी संहार (Ecocide) का अपराध (प्रस्ताव 061): पर्यावरण को जानबूझकर क्षति पहुंचाने को अंतर्राष्ट्रीय अपराध के रूप में मान्यता दी गई, जो अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय (ICC) के अंतर्गत आएगा।
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