मैंग्रोव पारिस्थितिकी-तंत्र में संधारणीय जलीय कृषि (SAIME) मॉडल को संयुक्त राष्ट्र के खाद्य एवं कृषि संगठन (FAO) से वैश्विक तकनीकी मान्यता प्राप्त हुई। SAIME मॉडल को नेचर एनवायरनमेंट एंड वाइल्डलाइफ सोसायटी द्वारा विकसित किया गया है।
मैंग्रोव पारिस्थितिकी-तंत्र में संधारणीय जलीय कृषि (SAIME) पहल के बारे में
- SAIME एक बहु-हितधारक भागीदारी (MSP) पहल है। इसका उद्देश्य दक्षिण एशिया में मैंग्रोव पारिस्थितिकी-तंत्र का संरक्षण सुनिश्चित करने हेतु झींगे (shrimp) के व्यापार में रूपांतरणकारी`प्रक्रियाओं को मजबूत करना है।
- सुंदरबन में SAIME का लक्ष्य एक मजबूत पारितंत्र बनाना है। इसके तहत खारे जल में जलीय कृषि की एक मानक प्रक्रिया विकसित की जा रही है, जिसमें स्थानीय ब्लैक टाइगर श्रिम्प को मुख्य रूप से शामिल किया गया है। यह एक समग्र पारितंत्र आधारित दृष्टिकोण है। साथ ही, खारे जल में जलीय कृषि करने वाले किसानों को इस मानक प्रक्रिया में प्रशिक्षित किया जा रहा है।
- यह पहल पारिस्थितिकी-तंत्र आधारित, जलवायु के अनुकूल और संरक्षण से जुड़े आजीविका संबंधी दृष्टिकोण का एक बेहतरीन उदाहरण है।
- इसका उद्देश्य प्राकृतिक कार्बन सिंक के रूप में मैंग्रोव को समेकित करके ब्लू कार्बन उत्सर्जन को कम करना है। साथ ही, किसान संस्थानों, ब्रांडिंग एवं प्रमाणन के माध्यम से बाजार तक पहुंच को बढ़ाना है, ताकि उत्पाद का उचित मूल्य मिल सके एवं समावेशी संवृद्धि सुनिश्चित हो सके।
- वित्त-पोषण: इसे ग्लोबल नेचर फंड (GNF) द्वारा नैचरलैंड e.V. और मर्सिडीज बेंज के सहयोग से वित्त-पोषित किया जा रहा है।
- यह एकीकृत मैंग्रोव जलीय कृषि (IMA) को भी लागू करती है। IMA के तहत मैंग्रोव क्षेत्रों में जलीय कृषि करते समय कम संख्या में जलीय जीव रखे जाते हैं। इससे उन्हें बढ़ने के लिए किसी अतिरिक्त आहार की जरूरत नहीं पड़ती है एवं वे प्राकृतिक संसाधनों पर निर्भर रहते हैं।
सुंदरबन के बारे में
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