केंद्रीय इस्पात मंत्री ने विशेषीकृत इस्पात (Specialty Steel) उत्पादन से संबद्ध प्रोत्साहन योजना के तीसरे चरण (PLI 1.2) का शुभारंभ किया।
PLI योजना के बारे में
- इस योजना को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने जुलाई 2021 में अनुमोदित किया था। इसका उद्देश्य रक्षा, एयरोस्पेस, ऊर्जा, ऑटोमोबाइल और अवसंरचना जैसे क्षेत्रकों में उपयोग होने वाले उच्च-मूल्य वाले व उच्च-ग्रेड इस्पात के उत्पादन को प्रोत्साहित करना है।
- तीसरे चरण (PLI 1.2) के मुख्य बिंदुओं पर एक नजर
- दायरा: इसमें सामरिक इस्पात ग्रेड सहित पांच व्यापक लक्षित खंडों में 22 उत्पाद उप-श्रेणियों को कवर किया गया है।
- प्रोत्साहन: संशोधित आधार वर्ष 2024-25 के साथ वृद्धिशील बिक्री पर 4% से 15% तक प्रोत्साहन प्रदान किया जाएगा।
- प्रोत्साहन अवधि: अधिकतम 5 वर्ष, जो वित्त वर्ष 2025–26 से शुरू होगी।
Article Sources
1 sourceकेंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री ने दुनिया भर के वैश्विक भारतीय वैज्ञानिक (VAIshwik BHArtiya Vaigyanik: VAIBHAV) अध्येताओं (Fellows) के साथ वार्ता की।
वैभव (VAIBHAV) के बारे में
- मंत्रालय: विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय का विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग।
- शुभारंभ: 2023 में शुरू किया गया था।
- उद्देश्य: प्रवासी भारतीय वैज्ञानिकों और भारत के उच्चतर शिक्षण संस्थानों (HEIs), विश्वविद्यालयों तथा सार्वजनिक रूप से वित्त-पोषित वैज्ञानिक संस्थानों के बीच सहयोग को बढ़ावा देना।
- योजना: वैभव अध्येता भारत में कार्य करने के लिए अपनी पसंद का कोई भी संस्थान चुन सकते हैं और वहां प्रत्येक वर्ष अधिकतम 2 महीने तक, कुल 3 वर्षों तक कार्य कर सकते हैं।
हाल ही में, NCLAT ने व्हाट्सएप-मेटा डेटा साझाकरण पर लगे पांच वर्षों के प्रतिबंध को हटा दिया है, लेकिन जुर्माने को बरकरार रखा है। ज्ञातव्य है कि भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) ने व्हाट्सएप को विज्ञापन उद्देश्यों के लिए उसके प्लेटफॉर्म पर एकत्र किए गए उपयोगकर्ता डेटा को पांच साल की अवधि के लिए मेटा की अन्य कंपनियों के साथ साझा करने से प्रतिबंधित कर दिया था।
NCLAT के बारे में
- कंपनी अधिनियम, 2013 की धारा 410 के तहत गठित।
- अधिकार क्षेत्र: यह निम्नलिखित द्वारा पारित आदेशों के खिलाफ अपीलों की सुनवाई करता है -
- राष्ट्रीय कंपनी विधि अधिकरण (NCLT);
- दिवाला और शोधन अक्षमता संहिता (IBC) की धारा 202 व धारा 211 के तहत भारतीय दिवाला और शोधन अक्षमता बोर्ड;
- कंपनी अधिनियम, 2013 की धारा 410 के तहत भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI);
- कंपनी अधिनियम, 2013 के तहत राष्ट्रीय वित्तीय रिपोर्टिंग प्राधिकरण।
उमंगोट नदी मेघालय में प्रवाहित होती है। यह अपने हरे-नीले क्रिस्टल-जैसे साफ़ पानी के लिए विख्यात है। हालांकि, इसका पानी मटमैला होता जा रहा है। इसे दावकी नदी के नाम से भी जाना जाता है।
उमंगोट नदी के बारे में
- उद्गम: शिलांग चोटी के पूर्वी भाग से उद्गम।
- प्रवाह: मेघालय के पूर्वी जयंतिया हिल्स जिले के एक छोटे से कस्बे दावकी से होकर दक्षिण की ओर तथा अंततः बांग्लादेश में प्रवेश करती है।
- दावकी भारत-बांग्लादेश सीमा के निकट अवस्थित है।
- बांग्लादेश के प्रवेश द्वार के रूप में कार्य करती है।
- मुख्य विशेषताएं: री पनार (जयंतिया हिल्स) और हिमा खैरिम (खासी हिल्स) के बीच प्राकृतिक सीमा बनाती है।
संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) ने “उत्सर्जन अंतराल रिपोर्ट 2025: ऑफ टारगेट” जारी की।
रिपोर्ट के मुख्य बिंदुओं पर एक नजर
- पेरिस समझौते के तहत अपडेटेड राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान (NDCs) प्रतिबद्धताओं के बावजूद भी इस सदी तक वैश्विक तापमान में 2.3-2.5 डिग्री सेल्सियस तक की वृद्धि हो सकती है।
- यह पेरिस समझौते के उस लक्ष्य से कम है, जिसमें तापमान वृद्धि को 2°C से काफी नीचे सीमित करना और इसे 1.5°C तक सीमित करने के प्रयासों को जारी रखना तय किया गया है।
- 2024 में GHGs उत्सर्जन में 2.3% की वृद्धि हुई थी। यह 57.7 गीगाटन CO₂ समतुल्य तक पहुंच गया था।
- 1.5 डिग्री सेल्सियस लक्ष्य के अनुरूप होने के लिए, 2035 तक उत्सर्जन में 55% की गिरावट की आवश्यकता होगी।
- कुल ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में सर्वाधिक वृद्धि भारत और चीन में देखी गई है। हालांकि, भारत में प्रति व्यक्ति ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन वैश्विक औसत से कम है।
एक अध्ययन में यह प्रस्तावित किया गया है कि ब्लैक होल 'मॉर्सल्स' क्वांटम ग्रेविटी के बारे में जानकारी प्रदान कर सकते हैं।
- ब्लैक होल मॉर्सल्स काल्पनिक सूक्ष्म ब्लैक होल्स हैं। ये अपने मूल ब्लैक होल्स की तुलना में बहुत छोटे होते हैं। इनका द्रव्यमान क्षुद्रग्रहों के बराबर होता है, इसलिए ये बहुत अधिक गर्म होते हैं।
क्वांटम ग्रेविटी के बारे में
- यह सैद्धांतिक भौतिकी का एक क्षेत्र है। इसका उद्देश्य गुरुत्वाकर्षण को क्वांटम यांत्रिकी के सिद्धांतों के अनुसार समझाना है।
- इस प्रकार, यह भौतिकी के दो सिद्धांतों को एकीकृत करने का प्रयास करता है। प्रथम- क्वांटम यांत्रिकी तथा दूसरा- गुरुत्वाकर्षण।
- क्वांटम यांत्रिकी: सूक्ष्म पैमाने पर कणों के व्यवहार का अध्ययन करती है।
- गुरुत्वाकर्षण: बड़े पैमाने के लिए है, और आइंस्टीन के सामान्य सापेक्षता के सिद्धांत पर आधारित है।
- महत्त्व: यह ब्लैक होल्स के भीतर की भौतिकी, क्वांटम एंटेंगलमेंट, संघनित पदार्थ भौतिकी आदि को समझने में सहायक होगी।
केंद्र सरकार स्कूल बसों सहित ट्रकों और बसों के सभी नए मॉडल्स में एडवांस्ड ड्राइवर असिस्टेंस सिस्टम (ADAS) को अनिवार्य करने पर विचार कर रही है।
ADAS के बारे में
- यह समन्वित तकनीकों का एक अंतर्निहित समूह (built-in suite) है। यह ड्राइवर को अपने वाहन अधिक सुरक्षित रूप से चलाने और मानवीय त्रुटियों से बचने में मदद करता है।
- इसमें पैदल यात्रियों की अवस्थिति को समझने और लेन डिपार्चर चेतावनी जैसी जानकारी देने के लिए लिडार, रडार एवं कैमरे जैसे उपकरण लगाए जाते हैं। ये उपकरण एक साथ कार्य करते हैं।
- इसमें कई प्रकार की सुविधाएं जैसे- एडेप्टिव क्रूज़ कंट्रोल, स्वचालित इमरजेंसी ब्रेकिंग, ब्लाइंड स्पॉट डिटेक्शन, क्रॉस-ट्रैफिक अलर्ट, पार्किंग सहायता, यातायात संकेत पहचान आदि शामिल हैं।