हाल ही में भारत के प्रधान मंत्री भूटान की दो दिवसीय राजकीय यात्रा पर गए थे।
प्रधान मंत्री की भूटान यात्रा की मुख्य उपलब्धियां
- ऊर्जा क्षेत्रक में:
- 1,020 मेगावाट की पुनात्सांगछू–II जलविद्युत परियोजना का संयुक्त रूप से उद्घाटन किया गया। इस परियोजना से भारत और भूटान, दोनों को बिजली की आपूर्ति की जाएगी।

- 1,200 मेगावाट की पुनात्सांगछू–I परियोजना पर कार्य फिर से शुरू करने की घोषणा की गई।
- भारत ने भूटान के ऊर्जा क्षेत्रक के लिए 4,000 करोड़ रुपये के रियायती ऋण (Line of Credit) की घोषणा की।
- यह भूटान के विकास प्रयासों के लिए भारत की पहली ऋण सहायता है।
- आर्थिक सहयोग के क्षेत्र में: भारत ने भूटान की 13वीं पंचवर्षीय योजना में सहयोग देने की घोषणा की। इसमें आर्थिक प्रोत्साहन कार्यक्रम भी शामिल है। इसके अलावा भूटान की गेलेफू माइंडफुलनेस सिटी परियोजना में सहयोग की घोषणा की गई।
- सांस्कृतिक क्षेत्र में आदान-प्रदान: भगवान बुद्ध के पवित्र पिपरहवा अवशेषों को थिम्पू में सार्वजनिक तौर पर प्रदर्शनी के लिए ले जाया गया है।
- ये पवित्र अवशेष भगवान बुद्ध के पार्थिव अवशेषों से जुड़े हैं। इन अवशेषों की खोज 1898 में उत्तर प्रदेश के सिद्धार्थनगर के पिपरहवा क्षेत्र में हुई थी।
- कुछ विद्वान आधुनिक पिपरहवा को प्राचीन कपिलवस्तु मानते हैं।
- ये पवित्र अवशेष भगवान बुद्ध के पार्थिव अवशेषों से जुड़े हैं। इन अवशेषों की खोज 1898 में उत्तर प्रदेश के सिद्धार्थनगर के पिपरहवा क्षेत्र में हुई थी।
भारत–भूटान संबंधों पर एक नजर
- विशेष साझेदारी: भारत, भूटान का सबसे प्रमुख विकास-सहयोगी देश है।
- 1949 की भारत–भूटान मैत्री संधि ने दोनों देशों को एक-दूसरे की संप्रभुता का सम्मान करने, घनिष्ठ सहयोग बढ़ाने और लोगों के आवागमन के लिए खुली सीमाओं की नींव रखी। इस संधि को 2007 में संशोधित किया गया।
- सामरिक क्षेत्र में समन्वय: दोनों देश क्षेत्र में स्थिरता रखने, सीमाओं की सुरक्षा करने और सतत विकास के लिए मिलकर काम करते हैं।
- यह समन्वय भारत के चिकन-नेक क्षेत्र की सुरक्षा के लिए आवश्यक है। 2017 में डोकलाम विवाद के दौरान दोनों देशों में समन्वय देखा गया।
- आर्थिक संबंध:
- भारत और भूटान के बीच 2023–24 में विद्युत को छोड़कर लगभग 1.7 अरब डॉलर का द्विपक्षीय व्यापार हुआ। ध्यातव्य है कि भारत, भूटान का सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है।
- भूटान का लगभग 80% व्यापार भारत के साथ होता है।
- भारतीय प्रत्यक्ष निवेश (FDI): भूटान में कुल FDI का 55% हिस्सा भारत से आता है।
- संपर्क परियोजनाएं: भारत-भूटान के बीच गेलेफू–कोकराझार और बानरहाट (भारत)-समत्से (भूटान) रेल संपर्क परियोजनाएं प्रस्तावित हैं।
- भारत और भूटान के बीच 2023–24 में विद्युत को छोड़कर लगभग 1.7 अरब डॉलर का द्विपक्षीय व्यापार हुआ। ध्यातव्य है कि भारत, भूटान का सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है।
- दोनों देशों के लोगों के बीच संपर्क: दोनों देश बौद्ध विरासत साझा करते हैं। साथ ही, दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक क्षेत्र में आदान-प्रदान होता रहता है।
- प्रमुख चुनौतियां:
- भूटान में भारत द्वारा प्रबंधित जलविद्युत परियोजनाओं में देरी होना,
- द्विपक्षीय सहयोग ऊर्जा क्षेत्रक में ही केंद्रित है। अन्य क्षेत्रों में भी सहयोग बढ़ाने की जरूरत है।
- भूटान में चीन का प्रभाव बढ़ रहा है जो भारत के लिए चिंता का विषय है।