UNESCO की “मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की प्रतिनिधि सूची” में 'दीपावली' को शामिल किया गया | Current Affairs | Vision IAS
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नई दिल्ली के लाल किले में अंतरसरकारी समिति के 20वें सत्र के दौरान की गई घोषणा में - भारत द्वारा पहली बार यूनेस्को की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत पैनल की मेजबानी करने के अवसर पर - दीपावली को यूनेस्को की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत सूची में भारत के 16वें तत्व के रूप में अंकित किया गया।


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यह घोषणा नई दिल्ली के लाल किले में अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की अंतर-सरकारी समिति के 20वें सत्र के दौरान की गई थी। यह पहली बार है, जब भारत UNESCO की इस समिति के सत्र की मेजबानी कर रहा है।

  • दीपावली के सूचीबद्ध होने के साथ, अब इस सूची में भारत की 16 सांस्कृतिक विरासत शामिल हो गई हैं (इन्फोग्राफिक देखें)।

दीपावली/ दिवाली के बारे में

  • यह त्यौहार कार्तिक अमावस्या पर, अक्टूबर/ नवंबर माह में मनाया जाता है। यह सभी व्यक्तियों के लिए समृद्धि, नवीनीकरण और आधिक्य का प्रतीक है।
  • यह एक वार्षिक त्यौहार है, जो 5 दिनों तक चलता है।
    • इसमें निम्नलिखित उप-त्यौहार शामिल हैं-
      • धनतेरस: लोग समृद्धि के प्रतीक के रूप में धातु के बर्तन खरीदते हैं; 
      • नरक चतुर्दशी: नकारात्मकता को दूर करने के लिए दीपक जलाए जाते हैं; 
      • पवित्र लक्ष्मी-गणेश पूजा की जाती है; और 
        भाई दूज: यह भाई-बहन के प्रेम बंधन का प्रतीक है।
  • दीपावली से संबंधित किंवदंतियां
    • रामायण: यह भगवान राम, सीता और लक्ष्मण के 14 वर्ष के वनवास के बाद अयोध्या लौटने तथा रावण पर उनकी विजय का प्रतीक है।
    • महाभारत: यह पांडवों के वनवास के बाद लौटने का प्रतीक है।

UNESCO की “मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत (ICH) सूची” के बारे में

  • उत्पत्ति: ICH अभिसमय को 17 अक्टूबर 2003 को पेरिस में UNESCO के 32वें आम सम्मेलन के दौरान अपनाया गया था।
  • उद्देश्य: अमूर्त सांस्कृतिक विरासत (ICH) की सुरक्षा करना, जो समुदायों के भीतर पीढ़ियों से चली आ रही प्रथाओं, प्रस्तुतियों, अभिव्यक्तियों और ज्ञान को संदर्भित करती है।
    • परिभाषा (अमूर्त सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण पर अभिसमय के अनुसार): ICH में निम्नलिखित शामिल हैं-
      • मौखिक परंपराएं और अभिव्यक्तियां; 
      • निष्पादन कलाएं; 
      • सामाजिक प्रथाएं, 
      • अनुष्ठान और त्यौहार; 
      • प्रकृति एवं ब्रह्मांड से संबंधित ज्ञान व प्रथाएं; 
      • पारंपरिक शिल्प कौशल आदि।
  • राज्य पक्षकारों की महासभा (General Assembly of the State Parties): यह एक संप्रभु निकाय है, जो प्रत्येक दो वर्षों में साधारण सत्र में बैठक करता है।
  • राज्य पक्षकारों का उत्तरदायित्व: ICH का संरक्षण पक्षकारों की सर्वोच्च जिम्मेदारी है।
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