परमाणु ऊर्जा विभाग (DAE) के अनुसार, न्यूक्लियर पावर कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (NPCIL) ने वित्त वर्ष 2024-25 में 50 अरब यूनिट्स (BUs) का उत्पादन आंकड़ा पार कर लिया है। NPCIL के परिचालन इतिहास में पहली बार यह उपलब्धि हासिल हुई है।
- इससे लगभग 49 मिलियन टन कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन को रोकने में मदद मिली है।
भारत में परमाणु ऊर्जा
- भारत ने एक त्रि-चरणीय परमाणु ऊर्जा कार्यक्रम अपनाया है (इन्फोग्राफिक देखें)।
- वर्तमान स्थिति: जुलाई 2025 तक के आंकड़ों के अनुसार परमाणु ऊर्जा कुल उत्पादित विद्युत में लगभग 3% का योगदान देती है।
- लक्ष्य: 2047 तक 100 गीगावाट (GW) परमाणु ऊर्जा क्षमता हासिल करना।

भारत में परमाणु ऊर्जा को आगे बढ़ाने के लिए प्रमुख पहलें
- परमाणु ऊर्जा मिशन: इसे केंद्रीय बजट 2025-26 में प्रस्तुत किया गया था। यह स्मॉल मॉड्यूलर रिएक्टर्स (SMRs) के अनुसंधान एवं विकास (R&D) पर केंद्रित है।
- SMRs उन्नत परमाणु रिएक्टर्स हैं। इनकी विद्युत उत्पादन क्षमता 300 मेगावाट (MW) प्रति यूनिट तक होती है। यह पारंपरिक परमाणु ऊर्जा रिएक्टर्स की उत्पादन क्षमता का लगभग एक तिहाई है।
- भारत स्मॉल रिएक्टर्स (Bharat Small Reactors: BSRs) का विकास: BSRs 220 मेगावाट के प्रेशराइज्ड हैवी वाटर रिएक्टर्स (PHWRs) हैं। ये सुरक्षा और प्रदर्शन की दृष्टि से प्रमाणित रिएक्टर्स हैं।
- PHWRs, प्राकृतिक यूरेनियम से संचालित होते हैं। इनमें भारी जल (D2O) का उपयोग मंदक (Moderator) और शीतलक (Coolant) के रूप में किया जाता है।
- क्षमता वृद्धि की दिशा में प्रमुख उपलब्धियां
- गुजरात के काकरापार में स्वदेशी रूप से निर्मित 700 MWe के PHWR की पहली दो इकाइयों (KAPS- 3 और 4) ने वित्त वर्ष 2023-24 में वाणिज्यिक परिचालन शुरू कर दिया है।
- माही बांसवाड़ा राजस्थान परमाणु ऊर्जा परियोजना (MBRAPP) का शुभारंभ किया गया है, जो 4 x 700 MWe PHWR है।
- रावतभाटा परमाणु ऊर्जा परियोजना (RAPP) यूनिट 7: यह तीसरी स्वदेशी 700 MWe PHWR है। इसने 2025 में व्यावसायिक रूप से परिचालन आरंभ कर दिया है।