चक्रवर्ती राजगोपालाचारी (1878-1972)
चक्रवर्ती राजगोपालाचारी को उनकी जयंती पर याद किया गया।
सी. राजगोपालाचारी के बारे में

- ये लोकप्रिय रूप से राजाजी के नाम से जाने जाते थे। इनका जन्म 10 दिसंबर को थोरापल्ली (तमिलनाडु) में हुआ था।
- वे एक प्रसिद्ध वकील, समाज सुधारक और एक सक्षम प्रशासक थे।
- प्रमुख योगदान
- गांधीजी के साथ वार्ता के बाद (1919) उन्होंने भारत के स्वतंत्रता संग्राम के लिए कार्य करने हेतु अपने कानूनी पेशे को छोड़ दिया था।
- गांधी ने उन्हें 'मेरे अंतःकरण का रक्षक' कहा था।
- इन्होंने रोलेट एक्ट विरोध, असहयोग आंदोलन, वायकोम सत्याग्रह और सविनय अवज्ञा आंदोलन में भाग लिया था।
- वर्ष 1930 में नमक कानून तोड़ने के लिए वेदारण्यम मार्च का नेतृत्व किया था।
- स्वतंत्रता के बाद:
- गांधीजी के साथ वार्ता के बाद (1919) उन्होंने भारत के स्वतंत्रता संग्राम के लिए कार्य करने हेतु अपने कानूनी पेशे को छोड़ दिया था।
- 1950 तक भारत के अंतिम और एकमात्र भारतीय गवर्नर-जनरल रहे थे।
- तमिलनाडु के मुख्यमंत्री (1952-54) रहे थे।
- स्वतंत्र पार्टी का गठन किया था।
- पुरस्कार: 1954 में भारत रत्न।
- प्रमुख लेखन: रामायण - चक्रवर्ती तिरुमगन (तमिल)।
- मूल्य: देशभक्ति, सत्यनिष्ठा, गरिमा, आदि।