ओपनएआई (OpenAI) के सीईओ सैम ऑल्टमैन ने बच्चों के पालन-पोषण में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) की बढ़ती भूमिका पर जोर दिया | Current Affairs | Vision IAS
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    ओपनएआई (OpenAI) के सीईओ सैम ऑल्टमैन ने बच्चों के पालन-पोषण में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) की बढ़ती भूमिका पर जोर दिया

    Posted 11 Dec 2025

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    Article Summary

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    पालन-पोषण में एआई व्यक्तिगत शिक्षण, माता-पिता के बोझ में कमी और बच्चे की बेहतर निगरानी प्रदान करता है, लेकिन साथ ही निर्भरता, सामाजिक बंधन में कमी, गोपनीयता के खतरे और सांस्कृतिक पूर्वाग्रह के जोखिम भी बढ़ाता है - जो इस बात पर प्रकाश डालता है कि एआई का उपयोग केवल एक सहायक उपकरण के रूप में किया जाना चाहिए, न कि वास्तविक माता-पिता-बच्चे के बीच बातचीत के प्रतिस्थापन के रूप में।


    कृत्रिम बुद्धिमत्ता यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का बढ़ता उपयोग यह सवाल उत्पन्न कर रहा है कि बच्चों के पालन-पोषण (पैरेंटिंग) में AI के उपयोग के क्या लाभ और खतरे हो सकते हैं।

    बच्चों के पालन-पोषण में AI के उपयोग से लाभ

    • संज्ञानात्मक कौशल (Cognitive Skills) में सुधार: AI “सभी के लिए एक जैसी”  पद्धति की बजाय व्यक्ति विशेष की आवश्यकता के अनुसार शिक्षा प्रदान कर सकता है।
      • उदाहरण के लिए: COSMO जैसे AI-संचालित खिलौने बच्चों की रचनात्मकता और समस्या-समाधान कौशल को बढ़ाते हैं।
    • माता-पिता का बोझ कम करना: AI मॉडल्स भाषा सीखने, कहानी सुनाने जैसे कार्यों में मदद करके, माता-पिता के घरेलू कार्यों और नौकरी संबंधी दायित्वों में समन्वय सुनिश्चित कर सकते हैं।
    • बच्चों की निगरानी: AI बेहतर निगरानी के माध्यम से बच्चों की शारीरिक सुरक्षा और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स की गलत गतिविधियों से सुरक्षा सुनिश्चित कर सकता है।
      • उदाहरण के लिए:Cubo Ai स्मार्ट बेबी मॉनिटर’ माता-पिता को फोन पर अलर्ट सन्देश भेजता है।

    बच्चों के पालन-पोषण में AI के उपयोग के खतरे

    • आलोचनात्मक चिंतन (Critical thinking) कम होना: AI पर अधिक निर्भरता बच्चों में चिंतन की क्षमता को कम कर सकती है।
      • उदाहरण के लिए: कुछ विशेष प्रकार की विचारधारा वाले कंटेंट (थॉट फिल्टर बबल) को प्रस्तुत करके बच्चों की आत्म-अभिव्यक्ति को सीमित की जा सकती है।
    • सामाजिक रूप से अलग-थलग होना: AI के अधिक उपयोग से आमने-सामने की वार्ता और मित्रता कम हो सकती है। यह स्थिति अपनी भावनाओं पर नियंत्रण रखने और समानुभूति (Empathy) कौशल विकसित करने में बाधक सिद्ध हो सकती है।
    • निजता (प्राइवेसी) के उल्लंघन से जुड़े खतरे: उपलब्ध डेटा के आधार पर माता-पिता में बच्चों के पालन-पोषण की प्रवृत्ति बढ़ रही है। ऐसे में, सही से तैयार नहीं किए गए या कमजोर विनियमन वाले AI सिस्टम्स के दुरुपयोग या हैक होने से माता-पिता की स्वायत्तता भंग हो सकती है और डिजिटल माध्यम से उनका शोषण हो सकता है।
    • अल्गोरिदमिक पक्षपात और गलत जानकारी: AI अक्सर पाश्चात्य और मध्यमवर्गीय पालन-पोषण वाले मॉडल्स को प्राथमिकता देता है। यह अन्य संस्कृतियों की पद्धतियों को कमतर आंकता है। ऐसा इसलिए, क्योंकि इन मॉडल्स को पक्षपातपूर्ण इंटरनेट डेटा के माध्यम से प्रशिक्षित किया जाता है।

    निष्कर्ष

    AI उपकरण माता-पिता और बच्चों, दोनों के लिए उपयोगी सिद्ध हो सकते हैं, हालांकि, इनके अपने खतरे हैं। ये AI पर इतनी निर्भरता बढ़ा सकते हैं कि आवश्यक कौशल को कमजोर कर दे। इसलिए, AI का उपयोग सहायक उपकरण के रूप में होना चाहिए—जो माता-पिता और बच्चे के बीच संबंध को मजबूत करे, न कि उसकी जगह ले। 

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