संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) ने “गैर-संचारी रोगों और मानसिक स्वास्थ्य पर वैश्विक घोषणा-पत्र” को अपनाया | Current Affairs | Vision IAS
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    संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) ने “गैर-संचारी रोगों और मानसिक स्वास्थ्य पर वैश्विक घोषणा-पत्र” को अपनाया

    Posted 17 Dec 2025

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    Article Summary

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    यह घोषणा दवाओं, वायु प्रदूषण, डिजिटल जोखिम, और स्वास्थ्य नियमों को शामिल कर रोकथाम एवं भागीदारी को बढ़ावा देती है।

    यह पहली बार है, जब 80वीं संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) में गैर-संचारी रोगों (NCDs) और मानसिक स्वास्थ्य को संयुक्त रूप से संबोधित करने के लिए एक राजनीतिक घोषणा-पत्र को अपनाया गया। इसमें 2030 के लिए विशिष्ट लक्ष्य निर्धारित किए गए हैं (इंफोग्राफिक्स देखिए)।

    घोषणा-पत्र के मुख्य बिंदुओं पर एक नजर

    • विस्तारित दायरा: इसमें गैर-संचारी रोगों (NCDs) से संबंधित नवीन पहलुओं जैसे- मुख संबंधी स्वास्थ्य (oral health), फेफड़ों का स्वास्थ्य, बाल्यावस्था के दौरान कैंसर आदि को शामिल किया गया है।
    • नए निर्धारकों को शामिल किया गया: वायु प्रदूषण, स्वच्छतापूर्वक खाना बनाना, सीसे के संपर्क में आना और खतरनाक रसायनों को भी इसमें शामिल किया गया है।
    • डिजिटल स्वास्थ्य जोखिम: पहली बार इसमें डिजिटल स्वास्थ्य जोखिमों को शामिल किया गया है। उदाहरण के लिए- सोशल मीडिया से होने वाला नुकसान; स्क्रीन पर अत्यधिक समय व्यतीत करना; गलत सूचना (misinformation) और दुष्प्रचार (disinformation) आदि।
    • कठोर विनियमन: तंबाकू, अस्वास्थ्यकर भोजन, ट्रांस फैट्स और ई-सिगरेट के लिए कठोर नियमों पर बल दिया गया है।
    • समग्र-सरकार और समग्र-समाज दृष्टिकोण: इसमें नागरिक समाज, युवाओं, दिव्यांग व्यक्तियों और निजी क्षेत्रक की भागीदारी शामिल है।
    • स्पष्ट जवाबदेही: संयुक्त राष्ट्र महासचिव लक्ष्यों पर रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे और WHO इसमें सहयोग करेगा।

    घोषणा-पत्र का महत्त्व

    • NCDs के कारण प्रतिवर्ष लगभग 1.8 करोड़ असामयिक मृत्यु होती हैं।
      • ये बीमारियां लंबी अवधि की होती हैं और आनुवंशिक, शारीरिक, पर्यावरणीय एवं व्यवहारिक कारकों के संयोजन का परिणाम होती हैं।
    • संपूर्ण विश्व में 1 अरब से अधिक लोग मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं से प्रभावित हैं।
    • NCDs और मानसिक स्वास्थ्य विकार दोनों ही सामान्य एवं रोके जा सकने वाले कारकों से प्रेरित हैं: जैसे- तंबाकू, अस्वास्थ्यकर खाद्य व पेय पदार्थ, शराब, शारीरिक निष्क्रियता और वायु प्रदूषण।

    NCDs और मानसिक स्वास्थ्य को लेकर भारत में आरंभ की गई पहलें

    NCDs के लिए पहलें:

    • अमृत/ AMRIT (उपचार के लिए किफायती दवाएं और विश्वसनीय प्रत्यारोपण/Affordable Medicines and Reliable Implants for Treatment): कैंसर, हृदय रोगों आदि के इलाज के लिए सस्ती दवाएं तथा विश्वसनीय प्रत्यारोपण उपलब्ध कराना।
    • ईट राइट इंडिया: FSSAI द्वारा संचालित यह आंदोलन स्वास्थ्यप्रद खान-पान को बढ़ावा देता है।
    • फिट इंडिया मूवमेंट (2019): यह शारीरिक रूप से सक्रिय जीवनशैली को बढ़ावा देने और फिटनेस को दैनिक जीवन का अभिन्न अंग बनाने पर लक्षित है। 

    मानसिक स्वास्थ्य के लिए पहलें:

    • राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम (NMHP), 1982: निकट भविष्य में सभी के लिए न्यूनतम मानसिक स्वास्थ्य देखभाल की उपलब्धता और पहुंच सुनिश्चित करना।
    • अन्य: टेली-मानस (Tele-MANAS), मनोदर्पण आदि।

     

    • Tags :
    • global declaration on non-communicable diseases and mental health
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