हाई सीज ट्रीटी को 2023 में “राष्ट्रीय क्षेत्राधिकार से परे क्षेत्रों की समुद्री जैव विविधता (BBNJ) पर अंतर-सरकारी सम्मेलन” द्वारा अपनाया गया था।
- इस संधि में प्रावधान किया गया था कि 60 देशों द्वारा अनुसमर्थन मिलने के उपरांत 120 दिन बाद यह लागू होगी।
हाई सीज ट्रीटी के बारे में

- इसका औपचारिक नाम 'राष्ट्रीय क्षेत्राधिकार से परे क्षेत्रों की समुद्री जैव विविधता के संरक्षण और सतत उपयोग पर समझौता' (BBNJ समझौता) है।
- यह एक कानूनी रूप से बाध्यकारी संधि है।
- इसे राष्ट्रीय क्षेत्राधिकार से परे क्षेत्रों की समुद्री जैव विविधता के संरक्षण पर संयुक्त राष्ट्र समुद्री कानून अभिसमय (UNCLOS) के समझौते के तहत अपनाया गया है।
- यह UNCLOS का तीसरा कार्यान्वयन समझौता है। इसके अलावा, अन्य दो समझौते 1994 में UNCLOS के कार्यान्वयन से संबंधित समझौता और 1995 का संयुक्त राष्ट्र मत्स्य भंडार समझौता हैं।
- हाई सीज यानी खुला समुद्र: यह वह समुद्री क्षेत्र है, जो किसी भी देश के अधिकार-क्षेत्र से बाहर होता है। यह वैश्विक साझा क्षेत्र है, जिसका सभी देश वैध अंतर्राष्ट्रीय उद्देश्यों जैसे- नौवहन, हवाई उड़ान, समुद्र के नीचे केबल और पाइपलाइन बिछाने आदि के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं।
- भारत और हाई सीज ट्रीटी
- 2024 में, केंद्रीय मंत्रिमंडल ने हाई सीज ट्रीटी पर हस्ताक्षर को मंजूरी प्रदान की थी।
- कार्यान्वयन मंत्रालय: पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय।