भारत का पोर्ट ट्रांसफॉर्मेशन
भारत का लक्ष्य 2047 तक अपने प्रमुख बंदरगाहों को लैंडलॉर्ड बंदरगाह मॉडल के तहत संचालित करने के लिए परिवर्तित करना है, जैसा कि केंद्रीय बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने घोषणा की है।
वर्तमान और भविष्य के बंदरगाह संचालन
- केन्द्र सरकार द्वारा शासित प्रमुख बंदरगाह भारत के लगभग आधे समुद्री व्यापार को संभालते हैं।
- इस कदम में 2047 तक 100% कार्गो हैंडलिंग को सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP) में स्थानांतरित करना शामिल है।
- वर्तमान में, लगभग 60% घरेलू कार्गो का प्रबंधन PPP पोर्ट टर्मिनल ऑपरेटरों द्वारा किया जाता है।
- 2030 तक यह हिस्सा बढ़कर 85% हो जाने की उम्मीद है।
- बंदरगाहों में कार्यकुशलता बढ़ाने और वापसी समय को कम करने के लिए समय पर आगमन प्रणाली और स्मार्ट बंदरगाह प्रौद्योगिकियों को लागू किया जाएगा।
हरित लॉजिस्टिक हब और हरित हाइड्रोजन पहलें
- बंदरगाह हरित लॉजिस्टिक केन्द्र के रूप में उभर रहे हैं।
- हरित हाइड्रोजन केन्द्रों का विकास कार्य चल रहा है तथा 12 मिलियन मीट्रिक टन से अधिक हरित हाइड्रोजन आधारित ई-ईंधन क्षमता की घोषणा की गई है।
- भारतीय बंदरगाह हरित हाइड्रोजन उत्पादन, बंकरिंग और निर्यात के केंद्रों के रूप में विकसित हो रहे हैं।
- इस परिवर्तन से रोजगार सृजन तथा औद्योगिक विकास को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।