सरकारी कार्यक्रमों में महिला श्रमिकों की दुर्दशा
राज्यसभा में 'शून्य काल' (Zero Hour) के दौरान कांग्रेस सांसद सोनिया गांधी ने महत्वपूर्ण सरकारी कार्यक्रमों में कार्यरत महिला श्रमिकों की चुनौतीपूर्ण स्थितियों को रेखांकित किया।
आशा और आंगनवाड़ी कार्यकर्ता
- आशा कार्यकर्ता
- ये टीकाकरण, जागरूकता अभियान, मातृ स्वास्थ्य और परिवार कल्याण कार्यों में संलग्न हैं।
- ये स्वयंसेवकों के रूप में कार्य करती हैं जिन्हें अल्प मानदेय और सीमित सामाजिक सुरक्षा प्राप्त होती है।
- आंगनवाड़ी कार्यकर्ता
- इन्हें केंद्र सरकार से प्रतिमाह 4,500 रुपये का अल्प आधार मानदेय प्राप्त होता है।
- आंगनवाड़ी सहायिकाओं को प्रतिमाह 2,250 रुपये प्राप्त होते हैं।
चुनौतियाँ और सिफ़ारिशें
- रिक्तियां और जनसंख्या मानदंड
- एकीकृत बाल विकास सेवाओं में लगभग 3 लाख रिक्तियां हैं।
- वर्ष 2011 के बाद से अद्यतन जनगणना के आंकड़ों के अभाव में, पद जनसंख्या मानदंडों के अनुरूप नहीं हैं।
- सिफारिशें
- आशा कार्यकर्ताओं और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के पारिश्रमिक में सरकार के योगदान को दोगुना किया जाए।
- 2,500 से अधिक आबादी वाले प्रत्येक गांव में एक अतिरिक्त आशा कार्यकर्ता की नियुक्ति की जाए।
- सामुदायिक आवश्यकताओं को बेहतर ढंग से पूरा करने के लिए आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की संख्या दोगुनी की जाए।