विकास का पहला इंजन: कृषि | Current Affairs | Vision IAS
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विकास का पहला इंजन: कृषि

10 Feb 2025
1 min
प्रधानमंत्री धन धान्य कृषि योजना- कृषि जिला विकास कार्यक्रम
  • प्रेरणा: आकांक्षी जिला कार्यक्रम की सफलता। 
  • कवरेज: मौजूदा योजनाओं और विशेष उपायों के अभिसरण के माध्यम से, यह कार्यक्रम कम उत्पादकता, मध्यम फसल तीव्रता और औसत से कम क्रेडिट मापदंडों वाले 100 जिलों को कवर करेगा। 
  • लक्ष्य: 1.7 करोड़ किसान।

बहु-क्षेत्रीय 

'ग्रामीण समृद्धि'

और लचीलापन' कार्यक्रम

 

  • इसे राज्यों के साथ साझेदारी में लॉन्च किया जाएगा। 
  • उद्देश्य: कौशल, निवेश, प्रौद्योगिकी और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करके कृषि में अल्प-रोजगार की समस्या को दूर करना। 
  • लक्ष्य: ग्रामीण क्षेत्रों में पर्याप्त अवसर पैदा करना ताकि प्रवासन एक विकल्प हो, लेकिन आवश्यकता नहीं। 
  • कवरेज: चरण-1 में100 विकासशील कृषि-जिलों को कवर किया जाएगा। 
  • फोकस क्षेत्र: ग्रामीण महिलाएं, युवा किसान, ग्रामीण युवा, सीमांत और लघु किसान एवं भूमिहीन परिवार।
दालों के मामले में आत्मनिर्भरता हासिल करने का मिशन
  • अवधि: 6 वर्ष. 
  • फोकस क्षेत्र: अरहर, उड़द और मसूर जैसी दालें। 
  • उद्देश्य: अगले 4 वर्षों के दौरान केंद्रीय एजेंसियों (NAFED और NCCF) द्वारा उन किसानों से इन 3 दालों की असीमित खरीद, जो इन एजेंसियों के साथ पंजीकरण करवाते हैं और समझौते में शामिल होते हैं।
कपास उत्पादकता बढ़ाने के लिए मिशन
  • अवधि: 5 वर्ष 
  • उद्देश्य: कपास की खेती में उत्पादकता और संधारणीयता के स्तर में सुधार की सुविधा प्रदान करना, और अतिरिक्त-लंबे स्टेपल कपास की किस्मों को बढ़ावा देना। 
  • कपड़ा क्षेत्रक के लिए एकीकृत 5F दृष्टिकोण के साथ संरेखित: '5F' फॉर्मूला में शामिल हैं- फार्म से फाइबर तक; कारखाने के लिए फाइबर; फैक्ट्री से फैशन तक; फैशन से लेकर विदेश तक।. 
    • इससे भारत के पारंपरिक कपड़ा क्षेत्रक को पुनर्जीवित करने के लिए गुणवत्तापूर्ण कपास की निरंतर आपूर्ति सुनिश्चित होगी।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

भारत के अनन्य आर्थिक क्षेत्र एवं उच्च समुद्री क्षेत्र से मत्स्य उत्पादन के सतत दोहन के लिए रूपरेखा
  • उद्देश्य: समुद्री क्षेत्रक की अप्रयुक्त क्षमता का दोहन करना
  • फोकस क्षेत्र: अंडमान और निकोबार द्वीप समूह तथा लक्षद्वीप द्वीप समूह
  • मुख्य तथ्य:
    • भारत मत्स्य उत्पादन और जलीय कृषि के मामले में विश्व में दूसरे स्थान पर है।
    • भारत के समुद्री खाद्य उत्पादों (Seafood) का निर्यात 60 हजार करोड़ रुपये मूल्य का है।
अन्य प्रमुख विशेषताएं
  • सब्जियों और फलों के लिए व्यापक कार्यक्रम
    • इसे राज्यों के सहयोग से शुरू किया जाएगा
    • उद्देश्य: इसका उद्देश्य सब्जियों और फलों के उत्पादन को बढ़ावा देना, आपूर्ति श्रृंखला को कुशल बनाना, प्रसंस्करण को सक्षम बनाना और किसानों के लिए लाभकारी मूल्य उपलब्ध करवाना है।
  • बिहार में मखाना बोर्ड का गठन
    • उद्देश्य: मखाना के उत्पादन, प्रसंस्करण, मूल्यवर्धन और विपणन में सुधार करना एवं मखाना उत्पादक किसानों को किसान उत्पादक संगठन (FPO) के तहत संगठित करना।
  • उच्च उपज वाले बीजों के लिए राष्ट्रीय मिशन: इसके उद्देश्य हैं-
    • अनुसंधान परिवेश को बेहतर बनाना।
    • अधिक उपज, कीट प्रतिरोधी और जलवायु अनुकूल बीजों का लक्षित विकास और उसका प्रचार-प्रसार करना।
    • जुलाई 2024 में जारी किए गए 100+ बीज किस्मों को वाणिज्यिक रूप से उपलब्ध करवाना।
  • किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) के जरिए बेहतर ऋण सुविधा
    • संशोधित ब्याज अनुदान योजना के तहत ऋण सीमा को 3 लाख से बढ़ाकर 5 लाख तक किया जाएगा।
    • मुख्य तथ्य: KCC के जरिए 7.7 करोड़ किसान, मछुआरे और डेयरी किसान अल्पकालिक ऋण प्राप्त कर सकते हैं।
  • असम के नामरूप में यूरिया संयंत्र की स्थापना
    • भारत में अब तक 5 यूरिया संयंत्रों को पुनर्जीवित किया गया है:
  • सिंदरी (झारखंड)
  • बरौनी (बिहार)
  • गोरखपुर (उत्तर प्रदेश)
  • रामागुंडम (तेलंगाना)
  • तलचर (ओडिशा)
  • भारतीय डाक, इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक (IPPB) के सहयोग से ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए उत्प्रेरक की भूमिका निभाएगा।
    • यह एक सार्वजनिक लॉजिस्टिक्स संगठन के रूप में कार्य करेगा, जो विश्वकर्मा के रूप में चिन्हित शिल्पियों, उद्यमियों, महिलाओं, स्वयं सहायता समूहों, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों और व्यवसायों को सेवा प्रदान करेगा।
  • सहकारी क्षेत्रक के लिए ऋण संचालन में सहायता प्रदान करने के लिए राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (NCDC) को सहायता दी जाएगी।
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