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विकास का तीसरा इंजन: निवेश (लोगों, अर्थव्यवस्था और नवाचार में) | Current Affairs | Vision IAS
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विकास का तीसरा इंजन: निवेश (लोगों, अर्थव्यवस्था और नवाचार में)

Posted 10 Feb 2025

Updated 18 Sep 2025

1 min read

लोगों में निवेश 
  • सक्षम आंगनवाड़ी और पोषण 2.0: यह आकांक्षी जिलों और पूर्वोत्तर के 8 करोड़ से अधिक बच्चों, 1 करोड़ गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं एवं 20 लाख किशोरियों को पोषण संबंधी सहायता प्रदान करता है।
  • अटल टिंकरिंग लैब्स: अगले 5 वर्षों में सरकारी स्कूलों में 50,000 अटल टिंकरिंग लैब्स स्थापित किए जाएंगे। 
  • ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी: भारतनेट परियोजना के तहत ग्रामीण क्षेत्रों के सभी सरकारी माध्यमिक विद्यालयों और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी प्रदान की जाएगी। 
  • भारतीय भाषा पुस्तक योजना: स्कूलों और उच्चतर शिक्षा के लिए डिजिटल रूप में भारतीय भाषा की किताबें उपलब्ध कराना।
  • कौशल के लिए राष्ट्रीय उत्कृष्टता केंद्र (CoEs): "मेक फॉर इंडिया, मेक फॉर द वर्ल्ड" विनिर्माण के लिए कौशल विकास के लिए 5 राष्ट्रीय CoEs स्थापित किए जाएंगे। 
  • IITs में क्षमता का विस्तार: 5 IITs में अतिरिक्त अवसंरचना फ्रेमवर्क तैयार किया जाएगा। 
  • AI में उत्कृष्टता केंद्र (CoE): शिक्षा के लिए AI में CoEs की स्थापना करने के लिए कुल 500 करोड़ रुपये का परिव्यय किया जाएगा।
    • केंद्रीय बजट 2023-24 में कृषि, स्वास्थ्य और संधारणीय शहरों के विकास के लिए AI में 3 COEs की घोषणा की गई थी।
  • चिकित्सा शिक्षा का विस्तार: अगले 5 वर्षों में 75,000 सीटें जोड़ने के लक्ष्य की दिशा कदम उठाते हुए मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों में 10,000 अतिरिक्त सीटें जोड़ी जाएंगी। 
  • सभी जिला अस्पतालों में डे-केयर कैंसर सेंटर: अगले 3 वर्षों में सभी जिला अस्पतालों में कैंसर सेंटर स्थापित किए जाएंगे। 2025-26 में ऐसे 200 केंद्र स्थापित किए जाएंगे। 
  • शहरी आजीविका को सुदृढ़ बनाना: शहरी श्रमिकों की आय, आजीविका और जीवन की गुणवत्ता में सुधार करने एवं उनके समग्र सामाजिक-आर्थिक उत्थान के लिए एक योजना शुरू की जाएगी।   
  • पीएम स्वनिधि: इस योजना के तहत, बैंकों से प्राप्त होने वाले ऋण में वृद्धि करके एवं 30,000 रुपये तक की सीमा वाले UPI लिंक्ड क्रेडिट कार्ड जारी करके एक नया रूप दिया जाएगा। 
  • ऑनलाइन प्लेटफॉर्म कामगारों के कल्याण के लिए सामाजिक सुरक्षा योजना: कामगारों के योगदान को मान्यता देते हुए ई-श्रम पोर्टल के जरिए पहचान-पत्र और पंजीकरण की सुविधा प्रदान की जाएगी। पीएम जन आरोग्य योजना के तहत स्वास्थ्य देखभाल सुविधा प्रदान की जाएगी। इस उपाय से लगभग 1 करोड़ गिग-वर्कर्स को सहायता मिलने की उम्मीद है। 
अर्थव्यवस्था में निवेश 
  • अवसंरचना में PPP: बुनियादी ढांचे से संबंधित प्रत्येक मंत्रालय पीपीपी मोड में परियोजनाओं की 3 साल की पाइपलाइन लेकर आएगा। 
    • राज्यों को PPP प्रस्ताव तैयार करने के लिए इंडिया इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट डेवलपमेंट फंड (IIPDF) योजना से समर्थन लेने के लिए भी प्रोत्साहित किया जाएगा।    
  • अवसंरचना विकास के लिए राज्यों को सहायता: राज्यों को 50 साल की अवधि के लिए ब्याज मुक्त ऋण प्रदान करने के लिए 1.5 लाख करोड़ रुपये का परिव्यय प्रस्तावित किया गया है।   
  • संपत्ति मुद्रीकरण: नई परियोजनाओं में निवेश के लिए 10 लाख करोड़ रुपये की पूंजी जुटाने के उद्देश्य से 2025-30 के लिए दूसरी संपत्ति मुद्रीकरण योजना शुरू की जाएगी।
  • जल जीवन मिशन: इस योजना के तहत 100% कवरेज प्राप्त करने के लिए, इस मिशन को 2028 तक बढ़ाया गया है। इसके परिचालन और रखरखाव को "जन भागीदारी" के जरिए बढ़ाया जाएगा।
    • 2019 से अब तक, 15 करोड़ ग्रामीण परिवारों (भारत की ग्रामीण आबादी का 80%) को नल जल कनेक्शन प्राप्त हुआ है।
  • शहरी क्षेत्रक में सुधार: शासन, नगरपालिका सेवाओं, शहरी भूमि और योजना से संबंधित प्रोत्साहन प्रदान किए जाएंगे।
    • अर्बन चैलेंज फंड: 'शहरों को विकास केंद्र' के रूप में विकसित करने, 'शहरों का रचनात्मक पुनर्विकास' करने और 'जल और स्वच्छता' के प्रस्तावों को लागू करने के लिए 1 लाख करोड़ रुपये का अर्बन चैलेंज फंड स्थापित किया जाएगा।
  • बिजली क्षेत्रक में सुधार: राज्यों को बिजली वितरण सुधारों के आधार पर उनके GSDP के 0.5 प्रतिशत के बराबर अतिरिक्त उधार लेने की अनुमति दी जाएगी।
  • विकसित भारत के लिए परमाणु ऊर्जा मिशन: 2047 तक कम-से-कम 100 गीगावॉट परमाणु ऊर्जा का विकास अति आवश्यक है। 
    • परमाणु ऊर्जा अधिनियम और परमाणु क्षति के लिए नागरिक दायित्व अधिनियम में संशोधन किया जाएगा।
  • वर्ष 2033 तक कम-से-कम 5 स्वदेशी रूप से विकसित SMRs को चालू करने के लिए स्मॉल मॉड्यूलर रिएक्टर (SMR) के अनुसंधान और विकास के लिए परमाणु ऊर्जा मिशन शुरू किया जाएगा।
  • पोत निर्माण: पोत निर्माण वित्तीय सहायता नीति को नया रूप दिया जाएगा। इसमें चक्रीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए भारतीय यार्डों में शिप ब्रेकिंग के लिए क्रेडिट नोट्स भी शामिल है। 
    • जहाज निर्माण क्लस्टर्स को मदद दी जाएगी।
  • समुद्री विकास कोष: समुद्री उद्योग के लिए दीर्घकालिक वित्त-पोषण हेतु 25,000 करोड़ रूपये के कोष की स्थापना की जाएगी। 
    • इसमें सरकार का 49% तक योगदान होगा और शेष बंदरगाहों एवं निजी क्षेत्रक की मदद से जुटाया जाएगा। 
  • उड़ान - क्षेत्रीय कनेक्टिविटी योजना: संशोधित उड़ान योजना के तहत 120 नए गंतव्य जोड़े जाएंगे। इससे 10 वर्षों में 4 करोड़ यात्रियों को यात्रा सुविधा प्रदान की जा सकेगी।
  • बिहार में ग्रीनफील्ड हवाई अड्डा: पटना हवाई अड्डे का विस्तार किया जाएगा और बिहटा में एक ब्राउनफील्ड हवाई अड्डा बनाया जाएगा।
  • मिथिलांचल में पश्चिमी कोशी नहर परियोजना: इससे 50,000 हेक्टेयर से अधिक भूमि पर खेती हो सकेगी। 
  • खनन क्षेत्रक में सुधार: सर्वोत्तम खनन प्रथाओं को साझा करने और लघु खनिजों सहित राज्य खनन सूचकांक की स्थापना के जरिए खनिज क्षेत्रक में सुधार किए जाएंगे।
    • अपशिष्ट पदार्थों से क्रिटिकल मिनरल्स की प्राप्ति के लिए एक नीति लाई जाएगी।  
  • SWAMIH फंड 2: किफायती और मध्यम-आय आवास के लिए विशेष विंडो (SWAMIH) के तहत 40,000 इकाइयां 2025 में पूरी की जाएगी। 
  • निजी क्षेत्रक के लिए पीएम गति शक्ति डेटा: PPPs को बढ़ावा देने के लिए कदम उठाते हुए, निजी क्षेत्रक को पीएम गति शक्ति पोर्टल से प्रासंगिक डेटा और मानचित्र प्राप्त करने की अनुमति दी गई है।       
  • रोजगार आधारित विकास के लिए पर्यटन: राज्यों के साथ साझेदारी में देश के शीर्ष 50 पर्यटन स्थल विकसित किए जाएंगे।  
    • रोजगार-आधारित विकास को सुविधाजनक बनाने के लिए निम्नलिखित उपाय किए जाएंगे:
      • गहन कौशल-विकास कार्यक्रम आयोजित करना; 
      • होमस्टे के लिए मुद्रा ऋण प्रदान करना;
      • यात्रा और कनेक्टिविटी में आसानी में सुधार; 
      • प्रभावी गंतव्य प्रबंधन के लिए राज्यों को प्रदर्शन से जुड़े प्रोत्साहन प्रदान करना,
      • वीज़ा-शुल्क में छूट के साथ-साथ व्यवस्थित ई-वीजा सुविधा शुरू करना।
    • भगवान बुद्ध के जीवन और काल से संबंधित स्थलों पर विशेष ध्यान देना।
    • भारत में मेडिकल टूरिज्म और हील: इसे निजी क्षेत्रक के साथ साझेदारी में शुरू किया जाएगा।
नवाचार में निवेश 
  • अनुसंधान, विकास और नवाचार: निजी क्षेत्रक द्वारा संचालित अनुसंधान, विकास और नवाचार पहलों को लागू करने के लिए 20,000 करोड़ रुपये आवंटित किए गए है।
  • डीप टेक फंड ऑफ फंड्स: इसका उद्देश्य अगली पीढ़ी के स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने करना है। 
  • पीएम रिसर्च फेलोशिप: IITs और IISc में तकनीकी अनुसंधान के लिए वित्तीय सहायता में बढ़ोतरी करने के साथ-साथ 10,000 फेलोशिप का प्रावधान किया गया है।
  • फसलों के जर्मप्लाज्म के लिए जीन बैंक: भविष्य में खाद्य और पोषण सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए 10 लाख जर्मप्लाज्म लाइन वाला दूसरा जीन बैंक स्थापित किया जाएगा।
    • भारत का पहला जीन बैंक 1996 में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद-राष्ट्रीय पादप आनुवंशिक संसाधन ब्यूरो (ICAR-NBPGR) द्वारा नई दिल्ली में स्थापित किया गया था।  
  • राष्ट्रीय भू-स्थानिक मिशन: इसके तहत मूलभूत भू-स्थानिक अवसंरचना और डेटा का विकास करना, और भूमि रिकॉर्ड, शहरी नियोजन और अवसंरचना परियोजनाओं के डिजाइन के आधुनिकीकरण की सुविधा प्रदान की जाएगी।
  • ज्ञान भारतम मिशन: इसके जरिए 1 करोड़ से अधिक पांडुलिपियों को कवर करने के लिए हमारी पांडुलिपि विरासत का सर्वेक्षण, दस्तावेज़ीकरण और संरक्षण किया जाएगा।
  • ज्ञान को साझा करने के लिए, भारतीय ज्ञान प्रणालियों का राष्ट्रीय डिजिटल संग्रह स्थापित किया जाएगा।
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