प्रत्यक्ष
- नया आयकर विधेयक: सरकार प्रावधानों को सरल और उत्तरदायी बनाकर सुशासन सुनिश्चित करने के लिए "न्याय" की इसी भावना को आगे बढ़ाने के लिए विधेयक पेश करेगी।
- स्रोत पर कर कटौती (TDS)/ स्रोत पर कर संग्रह (TCS) को तर्कसंगत बनाना
- दरों में कमी: कर स्पष्टता के लिए उच्च सीमा के साथ दरों और सीमा को कम करके TDS को तर्कसंगत बनाया जाएगा। वरिष्ठ नागरिक के लिए ब्याज पर कर कटौती की सीमा बढ़ाकर 1 लाख रुपये कर दी गई, और किराए पर TDS बढ़ाकर 6 लाख रुपये कर दिया गया। इससे छोटे करदाता लाभान्वित होंगे।
- प्रेषण पर स्रोत पर कर संग्रह (TCS) एकत्र करने की सीमा: RBI की उदारीकृत धनप्रेषण योजना (LRS) के तहत इसे 7 लाख रुपये से बढ़ाकर 10 लाख रुपये करने का प्रस्ताव है।
- गैर-अपराधीकरण: विवरण दाखिल करने की नियत तिथि तक TCS के भुगतान में विलंब के लिए छूट प्रदान करना गैर-अपराधिक बना दिया गया।
- स्वैच्छिक अनुपालन: उन करदाताओं द्वारा स्वैच्छिक अनुपालन के लिए अद्यतन रिटर्न दाखिल करने की समय-सीमा को वर्तमान दो वर्ष से बढ़ाकर चार वर्ष करने का प्रस्ताव है, जिन्होंने अपनी सही आय की सूचना देने में चूक की हो।
- व्यापार करने में सुगमता
- अंतरण मूल्य निर्धारण की प्रक्रिया को सरल बनाना: एक विकल्प मुहैया करने हेतु 3 वर्षों की ब्लॉक अवधि के लिए अंतर्राष्ट्रीय लेन-देन के मामलों में आर्म्स लेंथ मूल्य निर्धारित करने की अनुमति दी जाएगी।
- सेफ हार्बर नियमों के दायरे का विस्तार किया गया: अंतर्राष्ट्रीय कराधान में विवादों को कम करने और निश्चितता को बनाए रखने की दृष्टि से विस्तार किया गया है।
- वरिष्ठ नागरिकों को आहरण पर छूट: वरिष्ठ नागरिकों द्वारा 29 अगस्त, 2024 या उसके बाद पुराने राष्ट्रीय बचत स्कीम (NSS) खातों से किए गए आहरण पर छूट प्रदान की जाएगी। NPS वात्सल्य खातों को एक सीमा के भीतर सामान्य NPS खातों के समान माना जाएगा।
- रोजगार और निवेश
- कर निश्चितता: इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण कंपनियों को सेवाएं प्रदान करने वाले अनिवासियों के लिए एक प्रकल्पित कराधान व्यवस्था शुरू की जाएगी और अवसंरचना क्षेत्रक के AIF में कराधान लागू किया जाएगा।
- अंतर्देशीय जलयान के लिए टन भार कर स्कीम: भारतीय जलयान अधिनियम, 2021 के तहत पंजीकृत अंतर्देशीय जलयानों के लिए विस्तारित करने का प्रस्ताव किया गया है।
- स्टार्ट-अप्स के निगमन के लिए विस्तार: 01 अप्रैल, 2030 से पहले निगमित होने वाले स्टार्ट-अप्स के लिए निगमन की अवधि 5 वर्ष तक बढ़ाने का प्रस्ताव किया गया है।
- अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र (IFSC): IFSC में स्थापित वैश्विक कंपनियों की जलयान-लीजिंग इकाइयों, बीमा कार्यालयों और ट्रेजरी केंद्रों के लिए विशिष्ट लाभ का प्रस्ताव किया गया है।
- सॉवरेन और पेंशन निधियों के लिए निवेश की तिथि का विस्तार: अवसंरचना क्षेत्रक में सॉवरेन धन निधियों और पेंशन निधियों के लिए निवेश करने की अवधि पांच वर्ष तक बढ़ा दी गई है।
- मध्यम वर्ग पर विशेष ध्यान देते हुए वैयक्तिक आयकर सुधार
- नई कर व्यवस्था में छूट: नई कर व्यवस्था के अंतर्गत 12 लाख रुपये तक की आय पर कोई आय कर देय नहीं होगा।
- मानक कटौती: इस सीमा को बढ़ाकर 75,000 रुपये किया गया।
- नई कर व्यवस्था के तहत संशोधित कर दर स्लैब निम्नलिखित हैं:
0-4 लाख रुपये | शून्य |
4-8 लाख रुपये | 5% |
8-12 लाख रुपये | 10% |
12-16 लाख रुपये | 15% |
16-20 लाख रुपये | 20% |
20- 24 लाख रुपये | 25% |
24 लाख रुपये से अधिक | 30% |