भारत ने GI टैग वाले चावल के लिए नए हार्मोनाइज्ड सिस्टम (HS) कोड जारी किए | Current Affairs | Vision IAS
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इसके लिए सीमा शुल्क अधिनियम (1975) में संशोधन किया गया है, ताकि GI मान्यता प्राप्त चावल किस्मों के लिए HS कोड प्रदान किया जा सके।

  • इस संशोधन के चलते वित्त मंत्रालय से किसी विशेष अधिसूचना या किसी बाधा के बिना GI टैग वाले चावल का निर्यात किया जा सकेगा।

हार्मोनाइज्ड सिस्टम (HS) के बारे में

  • परिभाषा: यह विश्व सीमा शुल्क संगठन (World Customs Organization: WCO) द्वारा विकसित एक वैश्विक उत्पाद वर्गीकरण प्रणाली है।
  • वर्गीकरण संरचना:
    • हार्मोनाइज्ड सिस्टम के तहत, विविध श्रेणियों/ वर्गीकरण और वस्तुओं के लिए छह-अंकों का एक विशिष्ट कोड प्रदान किया जाता है। 
    • देशों को पहले छह अंकों के बाद लंबे कोड जोड़ने की अनुमति होती है, ताकि और अधिक वर्गीकरण किया जा सके।
  • गवर्नेंस और अपडेट्स:
    • हार्मोनाइज्ड सिस्टम को “द इंटरनेशनल कन्वेंशन ऑन द हार्मोनाइज्ड कमोडिटी डिस्क्रिप्शन एंड कोडिंग सिस्टम” द्वारा प्रशासित किया जाता है।
    • सदस्य देशों से बनी HS समिति, हार्मोनाइज्ड सिस्टम वर्गीकरण प्रणाली की निगरानी करती है और हर 5-6 साल में इसे अपडेट भी करती है।
  • व्यापक तौर पर इस्तेमाल:
    • यह लगभग 98% अंतर्राष्ट्रीय व्यापार को वर्गीकृत करता है।
    • इसमें 5,000 से अधिक कमोडिटी समूह शामिल हैं।
    • इसे 200 से अधिक देशों द्वारा अपनाया गया है।
  • हार्मोनाइज्ड सिस्टम (HS) के लाभ:
    • यह साझा कोडिंग पद्धति देशों को वैश्विक व्यापार में उत्पादों को व्यवस्थित करने और उन्हें ट्रैक करने में मदद करती है।
    • आंतरिक करों, व्यापार नीतियों आदि के लिए सरकारों, अंतर्राष्ट्रीय संगठनों और निजी संगठनों द्वारा इसका व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है।
    • यह अंतर्राष्ट्रीय व्यापार की लागत को कम करता है और आर्थिक अनुसंधान को बढ़ावा देता है।

विश्व सीमा शुल्क संगठन (WCO) के बारे में

  • मुख्यालय: ब्रुसेल्स (बेल्जियम) में स्थित है। 
  • उत्पत्ति: WCO की स्थापना 1952 में कस्टम्स को-ऑपरेशन काउंसिल (CCC) के रूप में की गई थी।
  • भूमिका: यह एक स्वतंत्र अंतर-सरकारी निकाय है। इसका उद्देश्य सीमा शुल्क प्रशासन की प्रभावशीलता और दक्षता को बढ़ाना है।
  • फोकस: यह विशेष रूप से सीमा शुल्क संबंधी मामलों पर केंद्रित है। इसके कार्यों में सीमा शुल्क प्रक्रियाओं का सरलीकरण और सामंजस्य सुनिश्चित करना; वैश्विक मानकों का विकास करना; व्यापार संबंधी आपूर्ति श्रृंखला की सुरक्षा और अंतर्राष्ट्रीय व्यापार को सुगम बनाना; आदि शामिल हैं।
  • सदस्य: WCO, 186 सदस्यों (भारत सहित) का प्रतिनिधित्व करता है।
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