दक्षिण एशियाई मुक्त व्यापार क्षेत्र | Current Affairs | Vision IAS
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Posted 11 Feb 2025

34 min read

दक्षिण एशियाई मुक्त व्यापार क्षेत्र

सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने रूल ऑफ ऑरिजिन का हवाला देते हुए केंद्र से नेपाल से रिफाइंड सोयाबीन और पाम ऑयल के आयात में वृद्धि को नियंत्रित करने का आग्रह किया।

दक्षिण एशियाई मुक्त व्यापार क्षेत्र (साफ्टा/ SAFTA) के बारे में

  • उत्पत्ति: सार्क (SAARC) के मुक्त व्यापार समझौते “साफ्टा (SAFTA)” ने 2006 में 1993 के सार्क अधिमान्य व्यापार समझौते का स्थान लिया था। 
  • सदस्य: अफगानिस्तान, बांग्लादेश, भूटान, भारत, मालदीव, नेपाल, पाकिस्तान और श्रीलंका।
  • अल्प विकसित देशों (LDCs) के लिए विशेष उपाय: साफ्टा ने अपनी प्रस्तावना में LDCs के लिए विशेष उपचार की आवश्यकता को स्वीकार किया है।
  • खराब परिवहन अवसंरचना, राजनीतिक विवाद आदि के कारण दक्षिण एशिया का अंतर-क्षेत्रीय व्यापार कम बना हुआ है, जो 5% के आस-पास है।
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  • साफ्टा
  • SAFTA
  • दक्षिण एशियाई मुक्त व्यापार क्षेत्र

एस्पायर (ASPIRE) कार्यक्रम

भारत और यूनाइटेड किंगडम ने चौथी भारत-यूनाइटेड किंगडम ऊर्जा वार्ता के भाग के रूप में द्विपक्षीय एस्पायर (ASPIRE) कार्यक्रम के दूसरे चरण की शुरुआत की।

एस्पायर कार्यक्रम के बारे में

  • यह एक द्विपक्षीय पहल है, जिसका उद्देश्य भारत में स्वच्छ एनर्जी ट्रांजिशन और संधारणीय विकास को बढ़ावा देना है।
  • एस्पायर के दूसरे चरण के तहत मुख्य फोकस:
    • चौबीसों घंटे बिजली आपूर्ति: निर्बाध बिजली सुनिश्चित करने के लिए तकनीकी सहायता प्रदान करना।
    • नवीकरणीय ऊर्जा विस्तार: भारत की स्वच्छ ऊर्जा पहल को मजबूत करना।
    • औद्योगिक दक्षता एवं डीकार्बोनाइजेशन: ऊर्जा दक्षता को बढ़ावा देना और कार्बन उत्सर्जन को कम करना।
  • यह कार्यक्रम भारत के विद्युत मंत्रालय और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के साथ साझेदारी में कार्यान्वित किया गया है।
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  • एस्पायर
  • ASPIRE
  • स्वच्छ एनर्जी ट्रांजिशन

बाजार हस्तक्षेप योजना

सरकार ने बाजार हस्तक्षेप योजना (Market Intervention Scheme: MIS) से संबंधित कुछ दिशा-निर्देशों में संशोधन किया।

बाजार हस्तक्षेप योजना के बारे में 

  • इसे पीएम-आशा (प्रधान मंत्री अन्नदाता आय संरक्षण अभियान) की एकीकृत योजना का एक घटक बनाया गया है।
    • पीएम-आशा का उद्देश्य मूल्य समर्थन योजना (PSS), प्राइस डेफिसिएंसी पेमेंट स्कीम (PDPS), निजी खरीद और स्टॉकिस्ट योजना (PPPS) जैसे घटकों के माध्यम से किसानों के लिए लाभकारी मूल्य सुनिश्चित करना है।
  • उद्देश्य: किसानों को शीघ्र खराब होने वाले कृषि/ बागवानी आधारित उत्पादों को आर्थिक संकट के समय दबाव में आकर बिक्री करने से बचाना।
  • कार्यान्वयन तंत्र: खरीद के लिए राज्य/ संघ राज्य क्षेत्र सरकार के अनुरोध पर।
  • शर्त: विगत सामान्य सीजन के दौरान दरों की तुलना में राज्य/ केंद्र शासित प्रदेशों में प्रचलित बाजार मूल्य में न्यूनतम 10% की कमी होने पर ही MIS लागू की जाएगी।
  • खरीद/ कवरेज: फसलों की उत्पादन मात्रा की खरीद/ कवरेज सीमा को मौजूदा 20% से बढ़ाकर 25% कर दिया गया है।
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  • बाजार हस्तक्षेप योजना
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सृजनम

एम्स (नई दिल्ली) में भारत के पहले स्वदेशी स्वचालित जैव चिकित्सा अपशिष्ट ट्रीटमेंट रिग का शुभारंभ किया गया। इस रिग का नाम ‘सृजनम’ है।

  • इस उपकरण को CSIR-NIIST (राष्ट्रीय अंतःविषय विज्ञान और प्रौद्योगिकी संस्थान), तिरुवनंतपुरम ने विकसित किया है। 
  • ‘सृजनम’ रिग को महंगे और ऊर्जा-गहन भस्मक पर निर्भर किए बिना, रोगजनक जैव चिकित्सा अपशिष्ट को कीटाणुरहित करने के लिए डिजाइन किया गया है। 

जैव-चिकित्सा अपशिष्ट के बारे में

  • परिभाषा: जैव-चिकित्सा अपशिष्ट में स्वास्थ्य देखभाल व्यवस्थाओं में निदान, उपचार, टीकाकरण, अनुसंधान, या जैविक उत्पादन/ परीक्षण से उत्पन्न अपशिष्ट शामिल हैं।
  • भारत में जैव-चिकित्सा अपशिष्ट से जुड़ी समस्या: CPCB, 2023 के अनुसार भारत में प्रतिदिन 743 टन जैव-चिकित्सा अपशिष्ट उत्पन्न होता है। इसके सुरक्षित और कुशल निपटान की आवश्यकता है।
  • विनियमन: जैव-चिकित्सा अपशिष्ट प्रबंधन नियम, 2016 उचित पृथक्करण, उपचार और निपटान को अनिवार्य बनाता है।
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  • जैव चिकित्सा अपशिष्ट
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बॉम्बे ब्लड ग्रुप

हाल ही में, डॉक्टरों ने एक दुर्लभ बॉम्बे रक्त समूह वाले मरीज में क्रॉस-ब्लड ट्रांसप्लांट किया है।

बॉम्बे ब्लड ग्रुप (HH ब्लड ग्रुप) के बारे में

  • यह एक दुर्लभ रक्त समूह है।
  • खोज: इसकी सर्वप्रथम खोज मुंबई में 1952 में वाई.एम. भेंडे द्वारा की गई थी।
  • लक्षण: सीरम में एंटी-A, एंटी-B और एंटी-H एंटीबॉडी की उपस्थिति, जो ABO प्रणाली के सभी रक्त समूहों में समूहन (एग्लूटिनेशन) का कारण बन सकती है। यह तब होता है जब सीरम में मौजूद एंटीबॉडी, लाल रक्त कोशिकाओं पर स्थित रक्त समूह एंटीजन के साथ प्रतिक्रिया करती हैं। रक्त में समूहन (एग्लूटिनेशन) वास्तव में लाल रक्त कोशिकाओं (RBCs) का एक साथ संचय होना है।
  • नैदानिक विशेषता: बॉम्बे ब्लड ग्रुप वाले व्यक्ति को किसी भी ABO समूह से रक्त नहीं दिया जा सकता, जिसमें टाइप O भी शामिल है। O ब्लड ग्रुप में H एंटीजन होता है।
  • नोट: बॉम्बे ब्लड ग्रुप वाले व्यक्ति केवल किसी अन्य बॉम्बे ब्लड ग्रुप दाता से ही रक्त प्राप्त कर सकते हैं।
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  • बॉम्बे ब्लड ग्रुप
  • क्रॉस-ब्लड ट्रांसप्लांट
  • दुर्लभ रक्त समूह

लम्पी स्किन डिजीज

भारत बायोटेक और ICAR द्वारा हाल ही में विकसित LSD वैक्सीन बायोलम्पिवैक्सिन को केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन से लाइसेंस मिला है। 

लम्पी स्किन डिजीज के बारे में

  • यह एक विषाणु जनित रोग है। यह रोग से मुख्यतः गायों और भैंसों को प्रभावित करता है।
  • रोगजनक: यह रोग पॉक्सविरिडे फैमिली में कैप्रिपॉक्स वायरस जीनस के लम्पी स्किन डिजीज वायरस द्वारा फैलता है।
  • लक्षण: इसमें बुखार, त्वचा पर गांठें पड़ना तथा प्रभावित पशु की मृत्यु भी हो सकती है।
  • संचरण: रक्त-चूसने वाले कीटों द्वारा, जैसे- मक्खियों, मच्छरों या टिक्स की कुछ प्रजातियों से। 

राज्यों को प्रशिक्षण, जागरूकता और टीकाकरण कार्यक्रमों के माध्यम से LSD से निपटने के लिए केंद्रीय वित्त पोषण प्राप्त होता है।

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  • लम्पी स्किन डिजीज
  • ICAR
  • पॉक्सविरिडे फैमिली

ग्राफीन

शोधकर्ताओं ने ट्विस्टेड बिलायेर-ट्रिलाएर ग्राफीन में एक नई क्वांटम अवस्था खोजी है। इस अवस्था में इलेक्ट्रॉन एक जालीनुमा संरचना बनाते हैं। यह संरचना विशेष प्रकार की प्रतिरोध-मुक्त एज (Edge) धाराओं को सक्षम बनाती हैं।

  • यह खोज क्वांटम कंप्यूटिंग में सहायक हो सकती है, क्योंकि यह शोर के खिलाफ स्थिरता प्रदान करेगी।

ग्राफीन के बारे में

  • ग्राफीन कार्बन का एक अपरूप है।
  • इसमें कार्बन परमाणुओं की एकल परत (मोनोलेयर) होती है। ये परमाणु मधुमक्खी के षट्कोणीय छत्ते जैसी जाली में कसकर बंधे होते हैं। 
  • यह सबसे पतला, सबसे हल्का और सबसे मजबूत पदार्थ है, जो स्टील से 200 गुना मजबूत और कागज से 1,000 गुना हल्का है। यह 98% पारदर्शी, रासायनिक रूप से स्थिर और अत्यधिक सुचालक है।
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  • ग्राफीन
  • प्रतिरोध-मुक्त एज
  • ट्विस्टेड बिलायेर-ट्रिलाएर ग्राफीन

'साइक्लोन 2025'

भारत और मिस्र ने संयुक्त सैन्य अभ्यास 'साइक्लोन 2025' का शुभारंभ किया।

साइक्लोन 2025 के बारे में

  • प्रतिभागी: भारत और मिस्र।
  • स्थान: राजस्थान।
  • उद्देश्य: रक्षा सहयोग को बढ़ाना, अंतर-संचालन क्षमता में सुधार करना तथा मरुस्थलीय युद्ध में विशेष बलों के कौशल को साझा करना।
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  • साइक्लोन 2025
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