प्रधान मंत्री ने कहा कि भारत का लक्ष्य 2030 तक वस्त्र निर्यात मूल्य को तीन गुना बढ़ाकर 9 लाख करोड़ रुपये करना है | Current Affairs | Vision IAS
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हाल ही में, प्रधान मंत्री ने नई दिल्ली में भारत मंडपम में आयोजित भारत-टेक्स 2025 (Bharat Tex 2025) को संबोधित किया। इस दौरान प्रधान मंत्री ने कहा कि 2030 तक 9 लाख करोड़ रुपये के निर्यात लक्ष्य को "फाइव F” के विज़न से लक्षित समय से पहले प्राप्त किया जा सकता है। 

  • ये फाइव F” हैं- फार्म (कृषि), फाइबर (रेशा), फैब्रिक (परिधान), फैशन और फॉरेन (विदेश)।

भारत टेक्स 2025 के बारे में

  • भारत टेक्स 2025 वस्त्र-उद्योग जगत का एक प्रमुख आयोजन है। इसमें एक व्यापक मेगा एक्सपो आयोजित किया जाता है।
  • यह एक्सपो कच्चे माल और सहायक सामग्री से लेकर तैयार वस्त्रों तक की पूरी वस्त्र मूल्य श्रृंखला को एक ही प्लेटफॉर्म पर प्रदर्शित करता है।

वस्त्र-क्षेत्रक की स्थिति

  • आर्थिक सर्वेक्षण 2024-25 के अनुसार:
    • वस्त्र और परिधान उद्योग का देश के सकल घरेलू उत्पाद में 2.3%, औद्योगिक उत्पादन में 13% और निर्यात में 12% का योगदान है।
    • कृषि के बाद यह देश में सबसे अधिक रोजगार देने वाला क्षेत्रक है। वस्त्र क्षेत्रक में 4.5 करोड़ से अधिक लोग प्रत्यक्ष रूप से कार्यरत हैं।
  • CII के आंकड़ों के अनुसार भारत दुनिया का छठा सबसे बड़ा वस्त्र और परिधान निर्यातक तथा दूसरा सबसे बड़ा वस्त्र व परिधान विनिर्माता देश है।

वस्त्र क्षेत्रक के समक्ष चुनौतियां

  • महंगा कच्चा माल (फाइबर): विनिर्माण लागत का 60-70% हिस्सा फाइबर पर खर्च करना होता है। फाइबर भारत में महंगा हो गया है।
  • प्रदूषण: वस्त्र क्षेत्रक वैश्विक कार्बन उत्सर्जन के 10% से अधिक के लिए जिम्मेदार है। इसके अलावा, वस्त्र विनिर्माण दूसरा सबसे बड़ा औद्योगिक प्रदूषण का स्रोत है। 
  • संरचनात्मक चुनौतियां: 
    • वस्त्र उद्योग अधिक संगठित नहीं है। इसमें MSME इकाइयों की संख्या अधिक है। 
    • उत्पाद में अधिक विविधता की कमी है; 
    • चीन, बांग्लादेश, वियतनाम जैसे प्रतिस्पर्धियों की तुलना में भारत में वस्त्र उद्योग में दक्षता की कमी है।

वस्त्र क्षेत्रक को बढ़ावा देने के लिए सरकारी पहलें

  • कपास उत्पादकता मिशन: इस मिशन की केंद्रीय बजट 2025-26 में घोषणा की गई थी। इसका उद्देश्य कपास उत्पादन की उत्पादकता और सततता में सुधार करना है।
  • वस्त्र क्षेत्रक में क्षमता निर्माण योजना (समर्थ/ SAMARTH): इसका उद्देश्य संगठित वस्त्र एवं संबंधित क्षेत्रकों में रोजगार सृजन में उद्योग के प्रयासों को प्रोत्साहित करना तथा उन्हें सहायता प्रदान करना है।
  • इंटीग्रेटेड टेक्सटाइल पार्क योजना: इसका उद्देश्य वस्त्र विनिर्माण इकाइयों की स्थापना के लिए अत्याधुनिक विश्व स्तरीय अवसंरचना सुविधाएं प्रदान करना है।
  • हथकरघा उत्पादों के लिए GI टैगिंग: जैसे उप्पड़ा जामदानी साड़ी, असम के मुगा सिल्क, कश्मीरी पश्मीना जैसे उत्पादों को भौगोलिक संकेतक (GI) टैग प्रदान किए गए हैं। 
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