भारतीय प्रधान मंत्री की हालिया संयुक्त राज्य अमेरिका यात्रा के दौरान ऑटोनॉमस सिस्टम्स इंडस्ट्री एलायंस (ASIA) की घोषणा की गई है। इस पहल का उद्देश्य हिंद-प्रशांत क्षेत्र में उद्योग साझेदारी और उत्पादन को बढ़ाना है।
- उल्लेखनीय है कि भारत पहला देश है, जिसके साथ अमेरिका ने अंडरवाटर डोमेन अवेयरनेस (UDA) प्रौद्योगिकियों के साथ काम करने की पेशकश की है।
अंडरवाटर डोमेन अवेयरनेस (UDA) के बारे में

- यह एक समुद्री अवधारणा है, जिसमें समुद्र के नीचे हर चीज़ की निगरानी के लिए प्रौद्योगिकी, रणनीतियों, नीतियों आदि का उपयोग करना शामिल है।
- भारत के लिए महत्व:
- संभावित सुरक्षा जोखिमों का पता लगाने और त्वरित प्रतिक्रियाओं के माध्यम से समुद्री डकैती, आतंकवाद, अंतर्राज्यीय संघर्ष आदि के खिलाफ क्षेत्रीय सुरक्षा को मजबूत करेगा।
- नीली अर्थव्यवस्था और पर्यावरण प्रबंधन में अवसरों के साथ आर्थिक एवं संधारणीयता संबंधी हितों को सुनिश्चित करेगा।
- समुद्री क्षेत्रक में विश्वास और सहयोग का निर्माण करके भारत की क्षेत्रीय कूटनीति को मजबूत करेगा।
UDA में प्रौद्योगिकियां
- मानवरहित अंडरवाटर व्हीकल (UUV): इसमें दूर से संचालित UUVs और स्वायत्त UVs शामिल हैं। ये परिष्कृत सेंसर्स और कैमरों से सुसज्जित होते हैं।
- भारत ने माया, अमोघ और अदम्य जैसे UUVs विकसित किए हैं।
- ध्वनिक (Acoustic) निगरानी: सोनार सिस्टम, सोनोबुय, सी पिकेट स्वायत्त निगरानी प्रणाली आदि।
- भारत की BEL ने संयुक्त राज्य अमेरिका की अल्ट्रा मैरीटाइम के साथ मल्टीस्टैटिक एक्टिव (MSA) सोनोबुय के सह-उत्पादन और अमेरिका की ही एल3 हैरिस के साथ एक्टिव टोड ऐरे सोनार सिस्टम्स के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं।
- लाइट डिटेक्शन एंड रेंजिंग (LIDAR): बाथमीट्रिक LIDAR सतह से समुद्र नितल और नदी तल की गहराई को मापने के लिए पानी में प्रवेश करने वाली हरी रोशनी का उपयोग करता है।