श्री हरिचंद ठाकुर
हाल ही में, श्री हरिचंद ठाकुर की जयंती मनाई गई।

हरिचंद ठाकुर के बारे में
- उनका जन्म बंगाल के नामशूद्र (अस्पृश्य समुदाय) में ओरकांडी में हुआ था। वर्तमान में यह जगह बांग्लादेश में है।
- उन्होंने बंगाल में मतुआ संप्रदाय की स्थापना की थी।
मुख्य योगदान
- निम्न वर्ग का उत्थान: उन्होंने धार्मिक सुधार के माध्यम से करुणा और न्याय को बढ़ावा दिया था।
- उन्होंने चांडाल आंदोलन नामक अस्पृश्यता विरोधी आंदोलन का नेतृत्व किया था।
- हरिचंद का सिद्धांत: यह तीन मूलभूत सिद्धांतों पर आधारित है- सत्य, प्रेम और पवित्रता।
- सामाजिक सुधार: मतुआ संप्रदाय पुरुष और महिला को समान मानता है; बाल विवाह को हतोत्साहित करता है; तथा विधवा पुनर्विवाह की अनुमति देता है।
- शिक्षा: ओरकांडी में निम्न जाति के लोगों के लिए अंग्रेजी माध्यम में एक हाई स्कूल की स्थापना की थी।