नासा के पार्कर सोलर प्रोब ने सूर्य से 6 मिलियन किलोमीटर की दूरी में पहुंचने का एक और प्रयास किया | Current Affairs | Vision IAS
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नासा के पार्कर सोलर प्रोब ने सूर्य से 6 मिलियन किलोमीटर की दूरी में पहुंचने का एक और प्रयास किया

Posted 28 Mar 2025

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पार्कर सोलर प्रोब को 2018 में प्रक्षेपित किया गया था। यह यान सूर्य के ऊपरी वायुमंडल (कोरोना) से होकर गुजरा था और वहां से कणों एवं चुंबकीय क्षेत्रों के नमूने प्राप्त किए थे। इस प्रकार यह सूर्य को "स्पर्श" करने वाला पहला अंतरिक्ष यान बन गया था।

पार्कर सोलर प्रोब (PSP) के बारे में

  • उद्देश्य: इसे सूर्य की सतह से लगभग 6.5 मिलियन किलोमीटर के भीतर उड़ान भरने के लिए डिज़ाइन किया गया है, ताकि सूर्य से निकलने वाले ऊर्जा के प्रवाह का पता लगाया जा सके; सौर कोरोना के ताप का अध्ययन किया जा सके और सौर पवनों को गति देने वाले कारकों की खोज की जा सके।
    • सौर पवनें सूर्य के डार्क और कम गर्म क्षेत्रों से निकलने वाले प्रोटोन्स एवं इलेक्ट्रॉन्स जैसे विद्युत आवेशित कणों की धारा है। सूर्य के डार्क और कम गर्म क्षेत्रों को कोरोनल होल्स एवं सक्रिय क्षेत्र कहा जाता है।
  • यान पर लगे वैज्ञानिक उपकरण: फील्ड एक्सपेरिमेंट (FIELDS); इंटीग्रेटेड साइंस इन्वेस्टीगेशन ऑफ द सन (IS☉IS); वाइड फील्ड इमेजर फॉर सोलर प्रोब (WISPR); सोलर विंड इलेक्ट्रॉन्स अल्फा एंड प्रोटोन्स (SWEAP) आदि।

सौर मिशनों का महत्त्व

  • अंतरिक्ष मौसम का पूर्वानुमान: सौर विकिरण और उससे जुड़ी ऊर्जा एवं चुंबकीय क्षेत्र अंतरिक्ष मौसम में परिवर्तन ला सकते हैं। इनका असर अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी और संचार प्रणालियों पर पड़ता है।
  • खगोलीय पिंडों (Cosmic objects) को समझना: सूर्य सबसे निकटतम तारा है, इसके अध्ययन से अन्य तारों के बारे में शोध में मदद मिल सकती है।

अन्य सोलर प्रोब/ वेधशालाएं

  • इसरो: आदित्य-L1, सूर्य का अध्ययन करने वाला पहला अंतरिक्ष आधारित भारतीय मिशन है।
  • अन्य: एडवांस्ड स्पेस-बेस्ड सोलर ऑब्जर्वेटरी (ASO-S), चीन; हिनोड (SOLAR-B), जापान; नासा, यूरोपीय स्पेस एजेंसी और जापान एयरोस्पेस एक्सप्लोरेशन एजेंसी के सहयोग से निर्मित सोलर एंड हेलिओस्फेरिक ऑब्जर्वेटरी (SOHO) आदि।
  • Tags :
  • पार्कर सोलर प्रोब
  • फील्ड एक्सपेरिमेंट
  • सौर पवनें
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