राष्ट्रीय क्वांटम मिशन (NQM) के तहत चयनित QpiAI स्टार्ट-अप ने 25 क्यूबिट सुपरकंडक्टिंग क्वांटम कंप्यूटर (QpiAI-Indus) लॉन्च किया। इसे विश्व क्वांटम दिवस (14 अप्रैल) के अवसर पर लॉन्च किया गया है।
- यह देश का पहला फुल-स्टैक क्वांटम कंप्यूटिंग सिस्टम है। इसमें हाइब्रिड कंप्यूटिंग के लिए ऑप्टिमाइज्ड सॉफ्टवेयर, एडवांसड क्वांटम हार्डवेयर और स्केलेबल कंट्रोल को शामिल किया गया है।
क्वांटम कंप्यूटर और इसके सिद्धांतों के बारे में:
- यह क्लासिकल कंप्यूटरों की क्षमता से परे जटिल समस्याओं को हल करने के लिए क्वांटम यांत्रिकी के सिद्धांतों का उपयोग करता है।
- क्वांटम कंप्यूटिंग में, जानकारी को प्रोसेस करने के लिए "क्यूबिट्स" का इस्तेमाल किया जाता है। ये पारंपरिक कंप्यूटरों में इस्तेमाल होने वाले बिट्स के क्वांटम रूप होते हैं।
- परंपरागत या क्लासिकल बिट्स का मान एक समय में केवल 0 या 1 हो सकता है, लेकिन क्यूबिट का सुपरपोजिशन में मान एक ही समय में 0 और 1 दोनों हो सकता है।
- प्रमुख सिद्धांत:
- एंटेंगलमेंट: क्वांटम कण आपस में सहसंबद्ध (Correlation) हो जाते हैं। इस प्रकार, एक को मापने से दूसरे की स्थिति का तुरंत पता चल जाता है, चाहे दोनों के मध्य दूरी कितनी भी हो।
- सुपरपोजिशन: इसका आशय यह है कि प्रत्येक क्यूबिट एक ही समय में 1 और 0 दोनों का प्रतिनिधित्व कर सकता है।
- इंटरफेरेंस: यह सही परिणाम सुनिश्चित करने और त्रुटियों को हटाने के लिए क्वांटम अवस्थाओं को संयोजित करता है।
भारत के लिए क्वांटम कंप्यूटर का महत्त्व
- वैश्विक स्तर पर अग्रणी: यह क्वांटम तकनीक के क्षेत्र में प्रगति के संदर्भ में भारत को संयुक्त राज्य अमेरिका, चीन और फ्रांस के साथ खड़ा करता है।
- सुरक्षित संचार: क्वांटम कंप्यूटिंग का उपयोग क्वांटम नेटवर्क्स को विकसित करने में किया जाता है, जो हेरफेर रहित और उच्च-बैंडविड्थ कम्युनिकेशन को साकार करते हैं।
- औषधि एवं रासायनिक अनुसंधान: यह तेज और अधिक प्रभावी दवाओं व यौगिकों के विकास के लिए सटीक आणविक मॉडलिंग को संभव करता है।
- AI और मशीन लर्निंग: यह बड़े पैमाने पर जटिल व अनस्ट्रक्चर्ड डेटा का तेजी से अनुकूलन एवं प्रसंस्करण करता है।
- विनिर्माण: यह परीक्षण लागत को कम करने, बेहतर प्रोटोटाइपिंग और डिजाइन संबंधी सटीकता में मदद करता है।
