क्वांटम कंप्यूटिंग में निम्नलिखित प्रगति कई क्षेत्रों में राष्ट्रीय सुरक्षा प्राथमिकताओं को पुनर्परिभाषित कर रही हैं:
- लंबे समय तक बने रहने वाला क्यूबिट कोहेरेंस, जो क्यूबिट को स्थिरता प्रदान करता है;
- बेहतर क्यूबिट नियंत्रण और विश्वसनीयता, जो सटीकता को बढ़ाती है; तथा
- त्रुटि सुधार में प्रगति (उदाहरण के लिए सेल्फ-चेकिंग प्रणाली के साथ गूगल ने विलो चिप लॉन्च की है)।
- हाल ही में, नीति आयोग ने नीति फ्रंटियर टेक हब की स्थापना की है। यह भारत को फ्रंटियर टेक में अग्रणी बनाने के लिए एक एक्शन टैंक के रूप में कार्य करेगा।
- फ्रंटियर टेक अत्याधुनिक और नई उभरती तकनीकों को कहते हैं।
राष्ट्रीय सुरक्षा पर क्वांटम कंप्यूटिंग की भूमिका
- क्रिप्टोग्राफी और साइबर सुरक्षा: उदाहरण के लिए, फॉल्ट-टॉलरेंट क्वांटम कंप्यूटर पब्लिक-की एन्क्रिप्शन एल्गोरिदम को तोड़ सकते हैं। इससे इंटरनेट सुरक्षा, ऑनलाइन बैंकिंग और संचार प्रणाली असुरक्षित हो सकती हैं।
- खुफिया जानकारी एकत्र करना: जटिल और विशाल डेटा को प्रोसेस करने की क्षमता से सिग्नल इंटेलिजेंस में वृद्धि हो सकती है। इससे अत्यधिक प्रभावशाली इंटरसेप्शन और काउंटर-इंटेलिजेंस संचालन संभव हो सकते हैं।
- सैन्य क्षेत्र में उपयोग: क्वांटम एल्गोरिदम लॉजिस्टिक्स, संसाधन आवंटन तथा युद्धक्षेत्र रणनीति को और बेहतर एवं सटीक बना सकते हैं। उदाहरण के लिए क्वांटम-आधारित AI स्वचालित सैन्य ड्रोन और रोबोटिक सिस्टम्स के संचालन को बेहतर बना सकते हैं।
- क्वांटम भू-राजनीति: क्वांटम कंप्यूटिंग के क्षेत्र में अग्रिम सफलताएं और प्रतिस्पर्धा भविष्य की वैश्विक शक्ति बनने की क्षमता को निर्धारित करेगी।
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