हाल ही में, केंद्रीय मंत्रिमंडल ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए संशोधित ब्याज छूट योजना (Modified Interest Subvention Scheme) के तहत ब्याज छूट घटक को जारी रखने को मंजूरी दी है। साथ ही, आवश्यक धनराशि को भी स्वीकृति दी गई है।
संशोधित ब्याज छूट योजना के बारे में
- योजना का प्रकार: केंद्रीय क्षेत्रक योजना l
- उद्देश्य: किसानों के लिए किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) के माध्यम से कम ब्याज दर पर अल्पकालिक ऋण की उपलब्धता सुनिश्चित करना।
- योजना के मुख्य बिंदुओं पर एक नजर
- किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से 3 लाख रुपये तक का अल्पकालिक ऋण 7% की रियायती ब्याज दर पर उपलब्ध कराया जाता है। योजना के तहत पात्र ऋण-दाता संस्थानों को 1.5% की ब्याज छूट दी जाती है।
- ऋणों को समय पर चुकाने वाले किसानों को 3% तक का ‘प्रॉम्प्ट री-पेमेंट इंसेंटिव’ यानी ‘त्वरित पुनर्भुगतान प्रोत्साहन’ के रूप में अतिरिक्त लाभ भी मिलता है। इससे प्रभावी ब्याज दर कम होकर 4% हो जाती है।
- केवल पशुपालन या मत्स्य पालन हेतु लिए गए ऋणों पर ब्याज छूट का लाभ 2 लाख रुपये तक के ऋण पर ही मिलता है।
- कार्यान्वयन करने वाली संस्था: भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) तथा राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (NABARD)।
कृषि क्षेत्रक ऋण में सुधार के अन्य उपाय
- कृषि अवसंरचना कोष (AIF): इस योजना के तहत फसल कटाई के बाद की हानि को कम करने और बिचौलियों की भूमिका समाप्त करने हेतु खेत के पास ही फसल-भंडारण और लॉजिस्टिक्स सुविधाओं के निर्माण के लिए मध्यम से दीर्घ अवधि हेतु ऋण दिया जाता है।
- नवीकरणीय ऊर्जा का संवर्धन: पीएम-कुसुम योजना के तहत सोलर पंप, मौजूदा पंपों का सौरीकरण, और सौर ऊर्जा संयंत्रों की स्थापना पर 30-50% तक की सब्सिडी प्रदान की जाती है। इसका उद्देश्य ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन कम करना और ग्रामीण क्षेत्रों में ऊर्जा की आपूर्ति सुनिश्चित करना है।
- स्वैच्छिक कार्बन बाजार (Voluntary Carbon Market: VCM): वीरा वीसीएस (Veera VCS) प्लेटफ़ॉर्म पर पंजीकृत 11 कृषि परियोजनाएँ संधारणीय कृषि को बढ़ावा देती हैं और कार्बन क्रेडिट उत्पन्न करती हैं।