ये नियम अंतर-सेवा संगठन (कमान, नियंत्रण और अनुशासन) अधिनियम, 2023 के तहत तैयार किए गए हैं।
- इन नियमों का उद्देश्य अंतर-सेवा संगठनों (ISOs) में कमान और नियंत्रण की प्रभावशीलता को बढ़ाना है तथा कुशल कार्य-प्रणाली को बढ़ावा देना है। इससे सशस्त्र बलों के बीच एकजुटता मजबूत होगी।
- ये नियम ISOs के प्रमुखों को और अधिक अधिकार प्रदान करते हैं। इससे अधिकारी अनुशासनात्मक मामलों का शीघ्र निपटारा कर सकेंगे और प्रक्रियाओं में किसी तरह के दोहराव से बच सकेंगे।

प्रमुख नियमों के बारे में
- शक्तियां: संयुक्त सेवा कमान (JSC) के कमांडर-इन-चीफ (CiC), अंतर-सेवा प्रतिष्ठान के ऑफिसर-इन-कमांड (OiC) और अंतर-सेवा इकाई के कमांडिंग ऑफिसर (CO) के पास ISO से जुड़े कार्मिक पर सभी अनुशासनात्मक एवं प्रशासनिक शक्तियां होंगी।
- अवशिष्ट शक्तियां: कमांडर-इन-चीफ, ऑफिसर-इन-कमांड या कमांडिंग ऑफिसर की शक्तियों से संबंधित सभी अवशिष्ट मामले केंद्र सरकार को भेजे जाएंगे।
ISO (कमान, नियंत्रण और अनुशासन) अधिनियम के महत्वपूर्ण प्रावधान
- ISO का गठन: केंद्र सरकार कमांडर-इन-चीफ या ऑफिसर-इन-कमांड की अध्यक्षता में एक ISO का गठन कर सकती है, जिसमें एक संयुक्त सेवा कमान भी शामिल है। इसमें तीनों सेवाओं (थल सेना, नौसेना और वायु सेना) में से कम-से-कम दो के कार्मिक होंगे।
- ISO का प्रबंधन: केंद्र सरकार में निहित है और यह राष्ट्रीय सुरक्षा, सामान्य प्रशासन या लोक हित के आधार पर निर्देश जारी कर सकती है।
- कमांडिंग ऑफिसर (CO): यह अधिनियम एक कमांडिंग ऑफिसर के लिए प्रावधान करता है जो किसी यूनिट, जहाज या प्रतिष्ठान की कमान संभालेगा।