कृषि एवं संबद्ध क्षेत्रकों से प्राप्त उत्पादन के मूल्य पर रिपोर्ट (2011-12 से 2023-24) जारी की गई | Current Affairs | Vision IAS
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राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) ने एक रिपोर्ट जारी की है, जिसमें पिछले 10 वर्षों में भारत के कृषि क्षेत्रक के प्रदर्शन का विस्तृत विवरण दिया गया है।

रिपोर्ट के मुख्य बिंदुओं पर एक नजर

  • कृषि और संबद्ध क्षेत्रकों का सकल उत्पादन मूल्य (GVO): वर्ष 2011-12 से 2023-24 के बीच (स्थिर कीमतों पर) इसमें लगातार 54.6% की वृद्धि हुई है। साथ ही, सकल मूल्य वर्धन (GVA) में (वर्तमान कीमतों पर) लगभग 225% की बढ़ोतरी हुई है। 
  • फसल क्षेत्रक (Crop Sector): वर्ष 2023-24 में कुल कृषि GVO में सबसे बड़ा योगदान फसलों (लगभग 54.1%) का रहा।
    • उत्तर प्रदेश सबसे बड़ा अनाज उत्पादक राज्य है।
    • वर्ष 2023-24 में सभी अनाजों के GVO में केवल धान और गेहूं का योगदान लगभग 85% रहा है।
  • फूलों की खेती (Floriculture): वर्ष 2011-12 की तुलना में 2023-24 में इसका GVO लगभग दोगुना होकर 28.1 हजार करोड़ रुपये पहुंच गया था।
  • कंडीमेंट्स (चटनी, सॉस आदि) और मसाले:
    • मध्य प्रदेश सबसे बड़ा योगदानकर्ता (19.2%) है।
    • इसके बाद कर्नाटक (16.6%) और गुजरात (15.5%) हैं।
  • मात्स्यिकी और जलीय कृषि (Fishing & Aquaculture):
    • इनका कुल योगदान 2011-12 में 4.2% था, जो 2023-24 में बढ़कर 7.0% हो गया।
    • मीठे पानी की मछलियों (inland fish) की हिस्सेदारी घटकर 50.2% हो गई है,
      जबकि समुद्री मछलियों (marine fish) की हिस्सेदारी में वृद्धि हुई है।

कृषि और संबद्ध क्षेत्रकों का महत्त्व

  • GDP में योगदान: आर्थिक सर्वेक्षण 2024-25 के अनुसार, वित्त वर्ष 2023-24 में कृषि और संबद्ध गतिविधियों का देश की कुल GDP में लगभग 16% का योगदान था। 
  • रोजगार का साधन: यह क्षेत्रक देश की लगभग 46.1% आबादी को आजीविका प्रदान करता है।
  • मुख्य चुनौतियां:
    • प्रति इकाई भूमि कम उत्पादन क्षमता;
    • किसानों की आय का कम स्तर; 
    • जल स्रोतों का अत्यधिक दोहन;
    • जलवायु परिवर्तन और चरम मौसम की घटनाएं जैसे- सूखा, बाढ़ आदि। 

कृषि और संबद्ध क्षेत्रकों के लिए सरकारी पहलें:

  • कृषि निवेश कोष (₹1 लाख करोड़): फसलों की कटाई के बाद की प्रक्रिया (जैसे भंडारण व प्रोसेसिंग) के लिए बुनियादी ढांचे की कमी को दूर करने हेतु यह कोष बनाया गया है।
  • डिजिटल एग्रीकल्चर मिशन: खेती में डिजिटल तकनीकों (जैसे ड्रोन, डेटा, ऐप्स आदि) को बढ़ावा देने के लिए यह मिशन शुरू किया गया है।
  • प्रधान मंत्री मत्स्य संपदा योजना: इसका उद्देश्य मत्स्यन क्षेत्रक को औपचारिक बनाना और मत्स्यन से जुड़े सूक्ष्म एवं लघु उद्यमों को समर्थन प्रदान करना है।
  • एकीकृत बागवानी विकास मिशन (MIDH): बागवानी क्षेत्रक के समग्र विकास के लिए एक केंद्र प्रायोजित योजना है।
  • अन्य प्रमुख योजनाएं: मत्स्यन और जलीय कृषि अवसंरचना विकास कोष; प्रधान मंत्री फसल बीमा योजना; राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (RKVY) आदि।
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