उपराष्ट्रपति ने भारत की पारंपरिक ज्ञान परंपरा को संरक्षित करने का आह्वान किया | Current Affairs | Vision IAS
मेनू
होम

यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा के लिए प्रासंगिक राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय विकास पर समय-समय पर तैयार किए गए लेख और अपडेट।

त्वरित लिंक

High-quality MCQs and Mains Answer Writing to sharpen skills and reinforce learning every day.

महत्वपूर्ण यूपीएससी विषयों पर डीप डाइव, मास्टर क्लासेस आदि जैसी पहलों के तहत व्याख्यात्मक और विषयगत अवधारणा-निर्माण वीडियो देखें।

करंट अफेयर्स कार्यक्रम

यूपीएससी की तैयारी के लिए हमारे सभी प्रमुख, आधार और उन्नत पाठ्यक्रमों का एक व्यापक अवलोकन।

ESC

हाल ही में, उपराष्ट्रपति ने भारतीय ज्ञान परंपरा पर वार्षिक सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि भारत का एक वैश्विक शक्ति के रूप में उदय तभी सार्थक होगा जब उसके बौद्धिक और सांस्कृतिक प्रभाव का भी समान रूप से उत्थान हो।

भारतीय पारंपरिक ज्ञान परंपरा (IKS) क्या है?

  • यह भारत की हज़ारों वर्षों पुरानी बौद्धिक परंपरा को समाहित करती है। इसमें कला, संगीत, नृत्य, नाटक, गणित, खगोलशास्त्र, विज्ञान, प्रौद्योगिकी आदि जैसे क्षेत्र शामिल हैं। यह ज्ञान प्राचीन भाषाओं जैसे संस्कृत, प्राकृत, तमिल, पाली आदि में निहित है।
    • उदाहरण: आयुर्वेद, योग, सूर्य सिद्धांत, नाट्यशास्त्र, संख्या प्रणाली (जिसमें ‘शून्य’ शामिल है) आदि।
  • वैश्विक शिक्षा केंद्र: तक्षशिला, नालंदा, विक्रमशिला, वल्लभी, ओदंतपुरी आदि प्राचीन भारत में विश्वस्तरीय विश्वविद्यालय थे। यहां कोरिया, चीन, तिब्बत और फारस आदि से छात्र ज्ञान-प्राप्ति के लिए आते थे।

भारतीय ज्ञान परंपरा को संरक्षित करने की आवश्यकता क्यों है?

  • मानसिक उपनिवेशवाद से मुक्ति: औपनिवेशिक काल की उस सोच को समाप्त करना आवश्यक है, जिसने स्वदेशी ज्ञान परंपराओं को कमतर आँका और पश्चिमी ज्ञानमीमांसाओं को सार्वभौमिक सत्य के रूप में स्थापित किया।
  • ज्ञान परंपरा को हाशिए पर जाने से रोकना: यूरोपीय सांस्कृतिक दृष्टिकोण का वर्चस्व भारतीय पारंपरिक ज्ञान परंपरा को मुख्यधारा की शिक्षा व्यवस्था में शामिल होने से रोकता है। उदाहरण के लिए- अमेरिका में हल्दी के औषधीय गुणों के लिए पेटेंट आवेदन का प्रयास।
  • सीमित भागीदारी: युवाओं को भारतीय पारंपरिक ज्ञान परंपरा के अध्ययन के लिए हतोत्साहित किया जाता है, क्योंकि इसे अक्सर गलत समझा जाता है, गलत तरीके से प्रस्तुत किया जाता है या शिक्षा की मुख्यधारा से बाहर रखा जाता है।
  • सॉफ्ट पावर: भारतीय पारंपरिक ज्ञान परंपरा सांस्कृतिक कूटनीति (जैसे अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस), अकादमिक प्रभाव (जैसे नालंदा विश्वविद्यालय का पुनरुद्धार), और पर्यटन (जैसे रानी की वाव जैसे विश्व धरोहर स्मारकों की स्वदेशी स्थापत्य कला) को बढ़ावा दे सकती है।

भारत की पारंपरिक ज्ञान परंपरा (IKS) को संरक्षित करने के लिए विविध उपाय किए गए हैं:

  • ट्रेडिशनल नॉलेज डिजिटल लाइब्रेरी (TKDL): इसे 2001 में CSIR और आयुष मंत्रालय ने स्थापित किया था। इसका उद्देश्य भारत के पारंपरिक ज्ञान (TK) के बौद्धिक संपदा अधिकारों के माध्यम से गलत उपयोग और चोरी को रोकना है।
  • भारतीय ज्ञान परंपरा (IKS) पहल: यह पहल पारंपरिक भारतीय ज्ञान को समकालीन शिक्षा में एकीकृत करने पर केंद्रित है।
  • प्रोजेक्ट 'मौसम': इसका लक्ष्य हिंद महासागर के तटीय देशों के बीच प्राचीन ऐतिहासिक समुद्री सांस्कृतिक और आर्थिक संबंधों को पुनर्जीवित एवं मजबूत करना है।
  • कानूनी उपाय: जैव विविधता अधिनियम, 2002 और भारतीय पेटेंट अधिनियम, 1970 पारंपरिक ज्ञान परंपराओं पर धोखाधड़ी वाले दावों से कानूनी सुरक्षा प्रदान करते हैं।
Watch Video News Today
Title is required. Maximum 500 characters.

Search Notes

Filter Notes

Loading your notes...
Searching your notes...
Loading more notes...
You've reached the end of your notes

No notes yet

Create your first note to get started.

No notes found

Try adjusting your search criteria or clear the search.

Saving...
Saved

Please select a subject.

Referenced Articles

linked

No references added yet

Subscribe for Premium Features