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स्वायत्त जिला परिषदें (Autonomous District Councils) | Current Affairs | Vision IAS
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Posted 11 Jul 2025

43 min read

स्वायत्त जिला परिषदें (Autonomous District Councils)

मिजोरम में छठी अनुसूची के तहत चकमा स्वायत्त जिला परिषद में राज्यपाल शासन लागू कर दिया गया है।

स्वायत्त जिला परिषदें (ADCs) क्या हैं?

  • ये संविधान की छठी अनुसूची के तहत प्रशासनिक संस्था हैं। इन्हें असम, मेघालय, त्रिपुरा और मिजोरम में जनजातीय क्षेत्रों को शासित करने के लिए गठित की जाती हैं।
  • उद्देश्य: 
    • जनजातीय क्षेत्रों में स्वायत्तता सुनिश्चित करना,
    • जनजातीय क्षेत्रों की विशिष्ट पहचान को संरक्षित करना, और
    • जनजातीय बहुल क्षेत्रों के विकास को बढ़ावा देना।
  • कार्य:
    • भूमि, वन, सामाजिक रीति-रिवाज जैसे विषयों पर कानून बनाना।
    • शिक्षा, स्वास्थ्य-देखभाल सहित स्थानीय शासन का प्रबंधन करना।
    • परंपरागत कानूनों के आधार पर विवादों का निपटारा करने के लिए ग्राम या जिला परिषद न्यायालयों की स्थापना करना।
  • संरचना: परिषद में अधिकतम 30 सदस्य होते हैं। इनमें से अधिकतम 4 सदस्य राज्यपाल द्वारा मनोनीत किए जा सकते हैं। 
  • Tags :
  • छठी अनुसूची
  • स्वायत्त जिला परिषदें

स्थानीय निकायों में आरक्षण

हाल ही में, तेलंगाना में स्थानीय निकाय चुनावों में पिछड़े वर्गों के लिए 42% आरक्षण को मंजूरी दी गयी।

  • अनुच्छेद 243D (पंचायतों के लिए) और अनुच्छेद 243T (नगरपालिकाओं के लिए) राज्य विधानमंडलों को पिछड़े वर्गों के लिए सीटें और अध्यक्ष पद आरक्षित करने का अधिकार देते हैं।
    • उपर्युक्त दोनों अनुच्छेद क्रमशः 73वें और 74वें संविधान संशोधनों (1992) के द्वारा संविधान में जोड़े गए थे।

स्थानीय निकायों में आरक्षण के अन्य प्रावधान

  • अनुच्छेद 243D (पंचायतों हेतु) और 243T (नगरपालिकाओं हेतु) के अनुसार, अनुसूचित जाति (SC) और अनुसूचित जनजाति (ST) के लिए उनकी जनसंख्या के अनुपात में (यथासंभव) सीटें आरक्षित की जाती हैं, और यह आरक्षण विभिन्न वार्डों में रोटेशन के आधार पर लागू होता है।
    • इनमें से एक तिहाई सीटें अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति की महिलाओं के लिए आरक्षित होती हैं।
  • हालांकि, राज्य विधानमंडल द्वारा बनाए गए कानून के अनुसार अध्यक्ष के पदों पर अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और महिलाओं के लिए सीटें आरक्षित की जा सकती हैं। 
  • Tags :
  • आरक्षण
  • अनुच्छेद 243D
  • अनुच्छेद 243T
  • 74 वा संविधान संशोधन

पब्लिक गैंबलिंग एक्ट, 1867

प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने अवैध बेटिंग ऐप्स को बढ़ावा देने और पब्लिक गैंबलिंग एक्ट, 1867 का उल्लंघन करने के लिए कई मशहूर हस्तियों के खिलाफ धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) 2002 के तहत केस दर्ज किया है।

  • PMLA को धन शोधन या मनी लॉन्ड्रिंग से निपटने के लिए लागू किया गया था। फाइनेंशियल इंटेलिजेंस यूनिट (FIU-IND) और प्रवर्तन निदेशालय को इस अधिनियम के प्रावधानों को लागू करने के लिए  विशिष्ट और समानांतर शक्तियां प्रदान की गई हैं।

पब्लिक गैंबलिंग एक्ट, 1867 के बारे में 

  • बेटिंग और गैम्बलिंग (सट्टेबाजी और जुआ) को पब्लिक गैंबलिंग एक्ट, 1867 के तहत पूरी तरह से प्रतिबंधित किया गया है।
  • यह कानून दिल्ली और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में लागू है।
  • कानून से छूट: इसके तहत कौशल आधारित खेलों (गेम ऑफ स्किल्स) की अनुमति है।
  • राज्य को अधिकार:  चूँकि गैंबलिंग सातवीं अनुसूची के अंतर्गत राज्य सूची का विषय है इसलिए राज्य सरकार इस अधिनियम में संशोधन कर सकती हैं।
  • देश भर के अधिकांश क्षेत्रों में बेटिंग और गैम्बलिंग को आम तौर पर गैरकानूनी माना जाता है।  
  • Tags :
  • मनी लॉन्ड्रिंग
  • PMLA
  • पब्लिक गैंबलिंग एक्ट, 1867
  • बेटिंग

द्वीप संरक्षण क्षेत्र (Island Protection Zone: IPZ)

केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने द्वीप संरक्षण क्षेत्र (IPZ) अधिसूचना 2011 के तहत स्वीकृत अवसंरचना परियोजनाओं की वैधता बढ़ा दी है।

द्वीप संरक्षण क्षेत्र (IPZ) के बारे में

  • इसे पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम, 1986 के तहत 2011 में अधिसूचित किया गया
  • यह अंडमान एवं निकोबार तथा लक्षद्वीप की पारिस्थितिक अखंडता के संरक्षण के लिए एक विनियामकीय फ्रेमवर्क है।
    • यह तटीय विनियमन क्षेत्र (CRZ) के समान ही है। हालांकि CRZ भारत की मुख्य भूमि के तटीय क्षेत्रों के संरक्षण के लिए अधिसूचित किया गया है।
  • IPZ विनियमन के तहत निम्नलिखित शामिल हैं:-
    •  द्वीप तटीय विनियमन क्षेत्र (ICRZ): मध्य अंडमान, उत्तरी अंडमान, दक्षिणी अंडमान, लिटिल अंडमान आदि के लिए।
    • एकीकृत द्वीप प्रबंधन योजनाएं (IIMPs): अंडमान और निकोबार के अन्य सभी द्वीपों और लक्षद्वीप के सभी द्वीपों पर लागू होती हैं। 
  • Tags :
  • तटीय विनियमन क्षेत्र (CRZ)
  • द्वीप संरक्षण क्षेत्र (IPZ)
  • IIMPs

NEP 2020 के पंच संकल्प

केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के तहत “पंच संकल्प” जारी किए।

  • NEP 2020 का उद्देश्य: भारत में स्कूली, उच्च एवं तकनीकी शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार करना।
  • इसमें शिक्षा की उपलब्धता, समानता, गुणवत्ता, किफायती और जवाबदेही आधारभूत स्तंभ हैं।

‘पंच संकल्प’ के बारे में

  • ये उच्चतर शिक्षा संस्थानों में रूपांतरण लाने के लिए मार्गदर्शक सिद्धांत होंगे।
  • इसमें शामिल हैं:
    • अगली पीढ़ी की उभरती शिक्षा,
    • बहु-विषयक शिक्षा,
    • नवोन्मेषी शिक्षा,
    • समग्र शिक्षा,
    • भारतीय शिक्षा। 

भारत में उच्चतर शिक्षा की स्थिति

  • सकल नामांकन अनुपात (GER): 28.4% (लक्ष्य: 2035 तक 50%)
  • महिला सकल नामांकन अनुपात: 28.5% (पुरुष से अधिक है); लैंगिक समानता सूचकांक: 1.01
  • कुल नामांकन में सरकारी विश्वविद्यालयों का योगदान लगभग 73.7% है।
  • Tags :
  • राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020
  • पंच संकल्प
  • भारत में उच्चतर शिक्षा

S-400 वायु-रक्षा प्रणाली

रक्षा मंत्रालय ने S-400 वायु रक्षा-प्रणाली के लिए रखरखाव, मरम्मत और ओवरहाल (MRO) सुविधा स्थापित करने हेतु एक भारतीय कंपनी को चुना है।

S-400 प्रणाली के बारे में

  • यह दुनिया की एडवांस्ड और लॉन्ग-रेंज वाली ‘सतह से हवा’ में मार करने वाली मिसाइल प्रणाली (SAM) है।
  • भारत ने इसे रूस से खरीदा है।
  • भारत में इसे ‘सुदर्शन चक्र’ कहा जाता है ।
  • यह कमांड-एण्ड-कंट्रोल प्रणाली, फेज्ड ऐरे रडार और इलेक्ट्रॉनिक युद्ध प्रतिरोधक क्षमता से लैस है।
  • यह 360-डिग्री की रडार और मिसाइल कवरेज प्रदान करती है।
  • यह कई प्रकार की मिसाइलों के खिलाफ सुरक्षा प्रदान करती है जिससे यह लेयर्ड डिफेंस को संभव बनाती है।
  • यह एक साथ कई लक्ष्यों को ट्रैक करके निशाना बना सकती है।
  • रेंज और क्षमता
    • गति: लगभग 13-14 मैक
    • ट्रैकिंग: 600 किलोमीटर तक
    • इंगेजमेंट (लक्ष्य को निशाना): 400 किलोमीटर तक
    • ऊंचाई कवरेज: 30 मीटर से 30 किलोमीटर तक।
  • Tags :
  • रक्षा मंत्रालय
  • S-400
  • वायु रक्षा-प्रणाली
  • सुदर्शन चक्र
  • SAM

मशीन विजन-बेस्ड इंस्पेक्शन सिस्टम (MVIS)

भारतीय रेलवे ने ट्रेन सुरक्षा बढ़ाने के लिए DFCCIL के साथ एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए हैं। इसके तहत मशीन विजन-बेस्ड इंस्पेक्शन सिस्टम (MVIS) लगाए जाएंगे।

‘मशीन विजन-बेस्ड इंस्पेक्शन सिस्टम (MVIS)’ क्या है?

  • यह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) / मशीन लर्निंग (ML) पर आधारित एक आधुनिक तकनीकी समाधान है।
  • यह ऐसी तकनीकों से लैस है जिनकी मदद से चलती ट्रेनों के अंडर-गियर (निचले हिस्से) की हाई-रिज़ॉल्यूशन तस्वीरें ली जा सकती हैं। साथ ही, स्वचालित रूप से किसी भी लटकते, ढीले या गायब कंपोनेंट्स का पता लगाया जा सकता है।
  • यह रियल-टाइम अलर्ट उत्पन्न करती है ताकि समय पर प्रतिक्रिया और रोकथाम की कार्रवाई की जा सके।
  • Tags :
  • MVIS
  • ट्रेन सुरक्षा

SDRF और NDRF के तहत वित्तीय सहायता

केंद्र सरकार ने असम, मणिपुर और उत्तराखंड को बाढ़ और भूस्खलन राहत के लिए राज्य आपदा मोचन निधि (SDRF) के केंद्रीय हिस्से के रूप में 1000 करोड़ रुपये जारी किए हैं।

SDRF और NDRF के तहत वित्तीय सहायता

  • राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन नीति के अनुसार, आपदा प्रबंधन और जमीनी स्तर पर राहत की प्राथमिक जिम्मेदारी राज्य सरकारों की है
  • राज्य सरकारें भारत सरकार द्वारा अनुमोदित मानदंडों के आधार पर राहत उपायों के लिए राज्य आपदा मोचन निधि (SDRF) का उपयोग करती हैं।
  • गंभीर आपदाओं के मामले में, एक अंतर-मंत्रालयी केंद्रीय दल (IMCT) द्वारा आकलन के बाद राष्ट्रीय आपदा मोचन निधि (NDRF) से अतिरिक्त फंड प्रदान किया जाता है।
  • नोट: SDRF और NDRF से मिलने वाली सहायता केवल राहत कार्यों के लिए होती है, न कि व्यक्तिगत क्षति की भरपाई के लिए। 
  • Tags :
  • SDRF
  • NDRF
  • आपदा मोचन निधि

तलाश पहल (TALASH Initiative)

नेशनल एजुकेशन सोसाइटी फॉर ट्राइबल स्टूडेंट्स (NESTS) ने यूनिसेफ इंडिया के साथ मिलकर तलाश (TALASH) पहल शुरू की है। NESTS केन्द्रीय जनजातीय कार्य मंत्रालय के तहत कार्य करता है। 

  •  तलाश (TALASH) से आशय है; ट्राइबल एप्टीट्यूड, लाइफ स्किल्स एंड सेल्फ-एस्टीम हब। 

तलाश (TALASH) पहल के बारे में

  • यह एक राष्ट्रीय कार्यक्रम है। इसका उद्देश्य एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालयों (EMRS) में पढ़ने वाले विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास (शैक्षणिक एवं व्यक्तित्व विकास दोनों) को समर्थन देना है। 
    • EMRS केंद्रीय क्षेत्रक योजना है। इसके तहत उन ब्लॉकों में जनजातीय विद्यार्थियों को आवासीय शिक्षा की सुविधा प्रदान की जाती है जहाँ अनुसूचित जनजातियों (ST) की आबादी 50% से अधिक होती है।
  • यह एक इनोवेटिव डिजिटल प्लेटफॉर्म है जो निम्नलिखित सुविधाएं प्रदान करता है:
    • साइकोमेट्रिक मूल्यांकन: यह NCERT की ‘तमन्ना’ पहल से प्रेरित है। 
    • कैरियर परामर्श,
    • जीवन कौशल और आत्म-सम्मान मॉड्यूल,
    • शिक्षकों के लिए ई-लर्निंग। 
  • Tags :
  • UNICEF
  • NESTS
  • TALASH
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