पैठणी साड़ियाँ
प्रधान मंत्री ने मासिक रेडियो कार्यक्रम में पैठणी साड़ियों की पारंपरिक शिल्पकला की प्रशंसा की।
पैठणी साड़ियों के बारे में:
- पैठणी साड़ी को 'महाराष्ट्र का महावस्त्र' भी कहा जाता है। यह शुद्ध रेशम और सोने की जरी से बुनी जाती है और अपनी विविध, जीवंत रंगों के लिए जानी जाती है।
- ऐसा माना जाता है कि पैठणी साड़ी की उत्पत्ति गोदावरी नदी के किनारे स्थित प्राचीन नगर पैठण में हुई थी।
- इसकी शुरुआत ईसा पूर्व 6ठी शताब्दी में मानी जाती है।
- विशिष्ट शैली: बोल्ड पैटर्न और पारंपरिक रूपांकनों के साथ।
- पल्लू और किनारों पर विशेष डिज़ाइन: मोर, कमल, आम।
- इसमें अजंता और एलोरा की रॉक-कट गुफाओं से लिए गए डिजाइनों का उपयोग किया जाता है।
- भौगोलिक संकेत (GI) टैग: 2010 में प्रदान किया गया।
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- GI Tag
- Paithani Sarees
माजुली द्वीप
माजुली द्वीप के लोग ब्रह्मपुत्र नदी के किनारे कंचन के पेड़ लगाकर नदी के तट के कटाव से निपटते हैं।
माजुली द्वीप के बारे में
- माजुली ब्रह्मपुत्र नदी पर स्थित विश्व का सबसे बड़ा नदी द्वीप है।
- यह 2016 में भारत का पहला नदी द्वीप जिला बन गया।
- यह दक्षिण में ब्रह्मपुत्र नदी और उत्तर में खेरकुटिया ज़ुति + सुबनसिरी नदी द्वारा निर्मित एक द्वीप है।
- यह आर्द्रभूमि (बील्स) और छोटे द्वीपों से घिरा हुआ है, जिन्हें स्थानीय रूप से "चापोरिस" के नाम से जाना जाता है।
- यह यूनेस्को विश्व धरोहर स्थलों की भारत की टेंटेटिव लिस्ट में शामिल है।
- यहाँ सत्र (वैष्णव मठ) अवस्थित हैं, जो सांस्कृतिक और आध्यात्मिक केंद्र के रूप में कार्य करते हैं।
- सत्र संस्था असम में वैष्णववाद की एक अनूठी विशेषता है, जिसकी स्थापना असमिया संस्कृति के जनक शंकरदेव ने की थी।
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- Subansiri River
- Majuli Island
- Sattras
- Chaporis
डीप-ब्रेन स्टिमुलेशन
डीप-ब्रेन स्टिमुलेशन (DBS) एक चिकित्सा तकनीक है जिसमें डॉक्टर कुछ विकारों के इलाज के लिए मस्तिष्क के विशिष्ट हिस्सों में इलेक्ट्रोड प्रत्यारोपित करते हैं।
DBS के बारे में
- अवधारणा: इलेक्ट्रोड छाती में त्वचा के नीचे लगाए जाने वाले पेसमेकर जैसे उपकरण से जुड़े होते हैं, जो असामान्य मस्तिष्क गतिविधि को समायोजित करने के लिए नियंत्रित विद्युत आवेग भेजते हैं।
- यह कैसे काम करता है?
- DBS न्यूरॉन्स समूहों के आपसी इंटरेक्शन के तरीके को बदलकर काम करता है। इनमें से कई विकारों में मस्तिष्क के दोषपूर्ण विद्युत संकेत शामिल होते हैं।
- DBS के माध्यम से विद्युतीय स्पंदन पहुंचाने से इन अनियमित संकेतों को बाधित किया जा सकता है, जिससे लक्षणों को कम करने में मदद मिलती है।
- DBS का प्रयोग आमतौर पर पार्किंसंस रोग, डिस्टोनिया आदि के लिए किया जाता है।
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- Neurons
- Deep Brain Stimulation
एक्सेलेरोमीटर
गूगल की एंड्रॉयड भूकंप चेतावनी प्रणाली ने फोन एक्सेलेरोमीटर सिग्नल का उपयोग करके 18,000 से अधिक भूकंपों का पता लगाया है।
एक्सेलेरोमीटर के बारे में:
- एक्सेलेरोमीटर एक संवेदन उपकरण है, जो त्वरण को मापता है और मानव गति की बारंबारता तथा तीव्रता का पता लगाता है।
- कार्य प्रणाली: एक्सेलेरोमीटर न्यूटन की गति के दूसरे नियम के अनुसार काम करते हैं।
- न्यूटन की गति का दूसरा नियम: किसी वस्तु पर लगने वाला बल उसके द्रव्यमान तथा त्वरण के गुणनफल के बराबर होता है।
- मापन: ये स्थैतिक त्वरण (गुरुत्वाकर्षण के कारण) और गतिशील त्वरण (कार दुर्घटना) दोनों को माप सकते हैं।
प्रमुख उपयोग:
- डिजिटल उपकरण: स्मार्टफोन, लैपटॉप, डिजिटल कैमरे में डिस्प्ले को घुमाने के लिए।
- वाहन: एयरबैग को ट्रिगर करने के लिए इसका उपयोग किया जाता है।
- ड्रोन: उड़ान के दौरान दिशा स्थिर करने के लिए।
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- Drones
- Accelerometer
बृहदीश्वर मंदिर
हाल ही में, प्रधान मंत्री ने तमिलनाडु के बृहदीश्वर मंदिर में पूजा-अर्चना की।
बृहदीश्वर मंदिर के बारे में
- इसे पेरुवुदैयार कोविल के नाम से भी जाना जाता है। यह तंजावुर में स्थित है।
- यह चोल काल की द्रविड़ वास्तुकला का अनुपम उदाहरण है।
- यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है, जिन्हें एक विशाल 'लिंगम' के रूप में दर्शाया गया है।
- इस मंदिर का निर्माण लगभग 1010 ईस्वी में चोल राजा राजराजा चोल प्रथम ने करवाया था।
- मंदिर के शिलालेख और भित्तिचित्र नगरों के उत्थान और पतन की कहानी बताते हैं।
- यह यूनेस्को के विश्व धरोहर स्थलों की सूची में भी शामिल है।
- यह गंगईकोंडाचोलेश्वरम मंदिर और ऐरावतेश्वर मंदिर के साथ, तीन 'महान जीवित चोल मंदिरों' में से एक है।
- Tags :
- Great Living Chola Temples
- Brihadisvarar Temple
- Rajaraja Chola I
जैविक प्रमाणन
APEDA ने जैविक कपास प्रमाणन के खिलाफ़ लगाए गए कुछ आरोपों का खंडन किया है।
भारत में जैविक प्रमाणन के बारे में
- राष्ट्रीय जैविक उत्पादन कार्यक्रम (NPOP): इसे केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के तहत APEDA द्वारा लागू किया गया है। यह कार्यक्रम प्रमाणन एजेंसियों की मान्यता, जैविक उत्पादन के लिए मानक, जैविक खेती और विपणन को बढ़ावा देने आदि से जुड़ा है।
- NPOP के उत्पादन और मान्यता प्रणाली के मानकों को यूरोपीय कमीशन और स्विट्जरलैंड द्वारा, अप्रसंस्कृत पादप उत्पादों के लिए उनके देश के मानकों के बराबर माना गया है।
- सहभागितापूर्ण गारंटी प्रणाली (PGS-India) प्रमाणन: इसमें किसान आपस में एक-दूसरे के उत्पादन तरीकों का मूल्यांकन, निरीक्षण और सत्यापन करते हैं, और सामूहिक रूप से अपने समूह की पूरी खेती को जैविक घोषित करते हैं।
- Tags :
- National Programme for Organic Production
- Participatory Guarantee System
Articles Sources
फ्लेम रिटार्डेंट मैटेरियल्स
हाल ही में, ICMR ने NGT को बताया है कि वह यह अध्ययन शुरू करेगा कि क्या फ्लेम रिटार्डेंट (ज्वाला रोधी) पदार्थों में पाए जाने वाले रासायनिक यौगिकों में कैंसर पैदा करने की क्षमता है या नहीं।
फ्लेम रिटार्डेंट के बारे में
- फ्लेम रिटार्डेंट्स विभिन्न रासायनिक पदार्थ होते हैं जिन्हें वस्त्रों, फर्नीचर, इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों आदि पर आग पकड़ने से रोकने या आग के फैलाव को धीमा करने के लिए लगाया जाता है।
- ये रसायन पर्यावरण में लंबे समय तक नष्ट नहीं होते यानी इनका अपघटन बहुत धीरे होता है।
- फ्लेम रिटार्डेंट के रूप में उपयोग होने वाले रसायन हैं:
- ट्रिस (1-क्लोरो-आइसोप्रोपाइल) फॉस्फेट (TCIPP),
- ट्रिस (1,3-डाईक्लोरो-2-प्रोपाइल) फॉस्फेट (TDCIPP),
- ट्रिस (2-क्लोरोइथाइल) फॉस्फेट (TCEP)
- Tags :
- TCIPP
- TDCIPP
- TCEP
हैवी वाटर
भारत की परमाणु आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रगति करते हुए, TEMA इंडिया लिमिटेड ने ‘डिप्लेटेड हैवी वाटर’ के उन्नयन के लिए भारत की पहली निजी परीक्षण सुविधा शुरू की।
डिप्लेटेड हैवी वाटर के बारे में
- इसे ड्यूटेरियम ऑक्साइड (D2O) के नाम से भी जाना जाता है। यह जल का एक रूप है, जिसमें हाइड्रोजन परमाणु को ड्यूटेरियम (हाइड्रोजन का भारी समस्थानिक) से प्रतिस्थापित किया जाता है।
- उपयोग
- परमाणु रिएक्टरों में: मॉडरेटर (न्यूट्रॉन को धीमा करता है) और रिएक्टर कोर में शीतलक के रूप में।
- अन्य: कुछ न्यूट्रिनो आदि का पता लगाने के लिए परमाणु चुंबकीय अनुनाद (NMR) स्पेक्ट्रोस्कोपी में विलायक के रूप में।
- Tags :
- Heavy Water
- Nuclear Magnetic Resonance
Articles Sources
अभ्यास बोल्ड कुरुक्षेत्र
भारत और सिंगापुर के बीच संयुक्त सैन्य अभ्यास, 'अभ्यास बोल्ड कुरुक्षेत्र 2025' का 14वां संस्करण 27 जुलाई, 2025 को शुरू हुआ।
अभ्यास बोल्ड कुरुक्षेत्र के बारे में
- इस अभ्यास को एक टेबल टॉप अभ्यास और कंप्यूटर-आधारित युद्ध खेल के रूप में आयोजित किया जाएगा। इसका उद्देश्य मशीनीकृत युद्ध के लिए परिचालन प्रक्रियाओं को सत्यापित करना है।
- Tags :
- Exercise Bold Kurukshetra
- India–Singapore Joint Military Exercise