इस यात्रा के दौरान, चीनी विदेश मंत्री ने भारत के विदेश मंत्री के साथ विशेष प्रतिनिधि (SRs) वार्ता के 24वें दौर की सह-अध्यक्षता की।
यात्रा के प्रमुख परिणाम:
- सीमा प्रबंधन पर सहमति:
- दोनों देशों ने एक निष्पक्ष, तर्कसंगत और परस्पर स्वीकार्य सीमा समाधान के लिए प्रयास करने पर सहमति व्यक्त की। यह समाधान 2005 के राजनीतिक मापदंडों और मार्गदर्शक सिद्धांतों पर समझौते के अनुरूप होगा।
- परामर्श एवं समन्वय के लिए कार्य तंत्र के तहत एक विशेषज्ञ समूह और कार्य समूह स्थापित करने का निर्णय लिया गया।
- तनाव को प्रबंधित करने और तनाव कम करने पर चर्चा शुरू करने के लिए मौजूदा राजनयिक एवं सैन्य-स्तरीय तंत्रों का उपयोग करने पर सहमति बनी।
- संवाद तंत्र: दोनों पक्षों ने निलंबित द्विपक्षीय संवादों को फिर से शुरू करने का फैसला किया। इसमें 2026 में पीपल-टू-पीपल एक्सचेंजेस पर उच्च-स्तरीय तंत्र भी शामिल है।
- 75 साल के संबंध: भारत और चीन राजनयिक संबंधों की स्थापना के 75 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में 2025 में साल भर विशिष्ट कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
- हवाई कनेक्टिविटी: जल्द-से-जल्द सीधी उड़ानें फिर से शुरू करने पर सहमति बनी।
- तीर्थयात्रा: भारत की कैलाश मानसरोवर यात्रा का दायरा 2026 से बढ़ाया जाएगा।
- सीमा-पार नदियां: दोनों पक्षों ने विशेषज्ञ-स्तरीय तंत्र के तहत सहयोग जारी रखने और आपात स्थितियों के दौरान हाइड्रोलॉजिकल डेटा साझा करने पर सहमति व्यक्त की।
- सीमा व्यापार: लिपुलेख दर्रा (उत्तराखंड), शिपकी ला दर्रा (हिमाचल प्रदेश) और नाथू ला दर्रा (सिक्किम) के माध्यम से व्यापार फिर से शुरू किया जाएगा।