‘आदि कर्मयोगी अभियान’ वास्तव में जमीनी स्तर से शासन के पुनर्निर्माण की पहल है। यह पहल जनजातीय मूल्यों से प्रेरित होगी और स्थानीय नेताओं के नेतृत्व में संचालित होगी।
अभियान के उद्देश्य
- जनजातीय समुदायों को सशक्त बनाना तथा उत्तरदायी और जन-केंद्रित शासन को बढ़ावा देना।
- 30 राज्यों/ केंद्र शासित प्रदेशों, 550 जिलों और 1 लाख गाँवों में बदलाव लाने वाले 20 लाख नेतृत्वकर्ताओं का नेटवर्क तैयार करना।
आदि कर्मयोगी अभियान के प्रमुख घटक
- संस्थागत तंत्र
- आदि सेवा केंद्र: ऐसे केंद्र सभी जनजातीय गांवों में स्थापित किए जाएंगे। अधिकारी और समुदाय के सदस्य प्रत्येक पखवाड़े में 1–2 घंटे ‘आदि सेवा समय’ देंगे। इस दौरान स्थानीय समस्याओं का समाधान और युवाओं का मार्गदर्शन किया जाएगा तथा वे शासन में सहयोग भी करेंगे।
- गवर्नेंस लैब कार्यशालाएं: राज्य से लेकर ग्रामीण स्तर तक बहुस्तरीय कार्यशालाएं आयोजित की जाएंगी। इनमें अलग-अलग विभाग जनजातीय विकास की समस्याओं का साथ में समाधान करेंगे।
- जनजातीय ग्राम कार्य योजना: ग्रामीणों के साथ मिलकर “जनजातीय ग्राम विज़न 2030” की योजना बनाई जाएगी। यह योजना सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) और राष्ट्रीय विकास लक्ष्यों के अनुरूप होगी। .
- स्वयंसेवियों की भागीदारी
- आदि सहयोगी: शिक्षक, डॉक्टर और अन्य पेशेवर लोग स्थानीय समुदाय का मार्गदर्शन करेंगे तथा विकास कार्यों में उनकी भागीदारी सुनिश्चित करेंगे।
- आदि साथी: स्वयं सहायता समूह (SHGs), राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (NRLM) के सदस्य, जनजातीय बुजुर्ग लोग, युवा और स्थानीय नेता जागरूकता का प्रसार करेंगे। साथ ही, योजनाओं के क्रियान्वयन में सहयोग करेंगे।
- क्षमता निर्माण: जनजातीय युवाओं, महिलाओं और नेताओं के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे ताकि वे शासन, समस्या-समाधान और सामाजिक लामबंदी में अच्छी तरह से भागीदारी कर सकें।
अभियान का महत्त्व
- यह अभियान ‘जनजातीय गौरव वर्ष’ का हिस्सा है। इस रूप में यह अभियान ‘विकसित भारत 2047’ के लक्ष्यों को प्राप्त करने में सहायक होगा, जनजातीय समुदायों को सशक्त बनाएगा, उत्तरदायी शासन सुनिश्चित करेगा और स्थानीय नेतृत्व को बढ़ावा देगा।
- यह अभियान धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान, पीएम-जनमन, और सिकल सेल एनीमिया उन्मूलन के लिए राष्ट्रीय मिशन जैसी प्रमुख योजनाओं के क्रियान्वयन में मदद करेगा।