जनजातीय कार्य मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि सामुदायिक वन संसाधन (CFR) ग्राम सभाएं CFR प्रबंधन योजनाएं (CFRMPs) बनाने का एकमात्र अधिकार रखती हैं। वे यह कार्य अपनी CFR प्रबंधन समितियों के जरिए करती हैं। उन्हें यह प्राधिकार वन अधिकार अधिनियम (FRA), 2006 के तहत प्राप्त है।
- यह स्पष्टीकरण इसलिए दिया गया है, क्योंकि छत्तीसगढ़ वन विभाग ने स्वयं को CFR अधिकारों के कार्यान्वयन की नोडल एजेंसी घोषित कर दिया था, जो FRA प्रावधानों के विपरीत था।
- FRA, 2006 का उद्देश्य वनों में रहने वाले समुदायों के साथ हुए ऐतिहासिक अन्याय को खत्म करना और उनकी आजीविका व खाद्य आवश्यकताओं को सुरक्षित करना है।
सामुदायिक वन संसाधन (CFR) प्रबंधन योजनाएं
- CFRMPs सामाजिक न्याय को बढ़ावा देती हैं, क्योंकि इनमें महिलाओं और जनजातीय युवाओं सहित हाशिए पर मौजूद समूहों को निर्णय लेने एवं आर्थिक गतिविधियों में शामिल किया जाता है। यह FRA के पर्यावरणीय न्याय के दृष्टिकोण के अनुरूप है।
- ये योजनाएं प्रत्येक क्षेत्र की पारिस्थितिक, सांस्कृतिक और सामाजिक-आर्थिक परिस्थितियों के अनुसार बनाई जाती है।
- यह समुदाय-आधारित मॉडल टॉप-डाउन मॉडल से बिल्कुल अलग है। यह ग्राम सभाओं को सतत वन प्रबंधन और लचीली आजीविका के संरक्षक के रूप में स्थापित करता है।
- इस प्रक्रिया को सुविधाजनक बनाने के लिए, केंद्र सरकार ने 2023 में धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान शुरू किया था।
- यह एक अलग कार्यक्रम है, जिसके तहत राज्य सरकारें उन गैर-सरकारी संगठनों (NGOs) को सूचीबद्ध करती हैं, जिनकी मदद से ग्राम सभाएं CFR प्रबंधन योजनाएं तैयार कर सकें।