इन संशोधित मानदंडों को ग्रीन क्रेडिट्स नियम, 2023 के तहत जारी किया गया है। ये संशोधित मानदंड अब केवल प्रति हेक्टेयर वृक्षारोपण पर ही नहीं, बल्कि वृक्षों की वृद्धि और उनकी उत्तरजीविता पर भी फोकस करेंगे।
संशोधित मानदंडों पर एक नजर
- ग्रीन क्रेडिट्स का दावा: यह दावा बंजर वन भूमि पर 5 साल की वन पुनर्बहाली के बाद और कम-से-कम 40% वितान घनत्व (Canopy density) प्राप्त करने पर किया जा सकता है।
- 1 ग्रीन क्रेडिट = 1 नया वृक्ष (5 वर्ष आयु)।
- ग्रीन क्रेडिट्स गैर-व्यापार योग्य और गैर-हस्तांतरणीय हैं। केवल एक कंपनी अपने ग्रीन क्रेडिट्स अपनी ही सहायक कंपनी को हस्तांतरित कर सकती है।
- क्रेडिट्स का क्षतिपूरक वनीकरण आवश्यकताओं, कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (CSR) दायित्वों और परियोजना-विशिष्ट कानूनी वृक्षारोपण जिम्मेदारियों को पूरा करने के लिए केवल एक बार विनिमय किया जा सकता है।
- एक बार विनिमय किए जाने के बाद, क्रेडिट्स का पुन: उपयोग नहीं किया जा सकता है।
ग्रीन क्रेडिट्स (GCs) क्या हैं?
- यह पर्यावरणीय पुरस्कारों का एक रूप है, जिन्हें उन व्यक्तियों/ संस्थाओं को दिया जाता है, जो ग्रीन क्रेडिट कार्यक्रम के तहत वृक्षारोपण में हिस्सा लेते हैं।
ग्रीन क्रेडिट कार्यक्रम (GCP, 2023) के बारे में
- यह देश भर में स्वैच्छिक वृक्षारोपण गतिविधियों को प्रोत्साहित करने के लिए एक अभिनव बाजार-आधारित तंत्र है।
- शुरुआत: पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम, 1986 के तहत शुरू किया गया है।
- विशेषताएं:
- भूमि बैंक निर्माण: यह वन विभागों द्वारा बंजर वन भूमि के पंजीकरण के माध्यम से किया जाएगा।
- भागीदारी को प्रोत्साहन: सरकारी निकायों, गैर-सरकारी संगठनों, निजी फर्मों आदि को वनीकरण करने के लिए प्रोत्साहित करना।
- प्रोत्साहन: वृक्षारोपण के लिए पुरस्कार के रूप में ग्रीन क्रेडिट्स जारी करना।