यह यात्रा भारत-सिंगापुर कूटनीतिक संबंधों के 60 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य को दर्शाती है। साथ ही, मित्रता, विश्वास और आपसी सम्मान की साझा विरासत की पुनर्पुष्टि करती है।
इस यात्रा के मुख्य परिणामों पर एक नजर:
व्यापक रणनीतिक साझेदारी (CSP) के लिए एक दूरदर्शी और ठोस रोडमैप अपनाया गया है। इसका उद्देश्य आठ महत्वपूर्ण क्षेत्रों में सहयोग को मजबूत करना है:-
- आर्थिक सहयोग: दोनों पक्ष व्यापक आर्थिक सहयोग समझौते (CECA) की तीसरी समीक्षा की शुरुआत करने के लिए वार्ता जारी रखेंगे एवं आगे बढ़ेंगे। साथ ही, 2025 में आसियान-भारत वस्तु व्यापार समझौते (AITIGA) की गहन समीक्षा पूरी करेंगे।
- भारत के सेमीकंडक्टर उद्योग को समर्थन और भारत-सिंगापुर पूंजी बाजार कनेक्टिविटी को बढ़ावा दिया जाएगा।
- अंतरिक्ष: भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष संवर्धन एवं प्राधिकरण केंद्र (IN-SPACe) और सिंगापुर के ऑफिस फॉर स्पेस टेक्नोलॉजी एंड इंडस्ट्री के बीच संयुक्त सहयोग को बढ़ावा दिया जाएगा।
- रक्षा और सुरक्षा सहयोग: इसके तहत क्वांटम कंप्यूटिंग, AI, ऑटोमेशन तथा मानव रहित पोत जैसे उभरते क्षेत्रकों में रक्षा प्रौद्योगिकी सहयोग को मजबूत किया जाएगा।
- सीमा-पार आतंकवाद और आतंकवाद के वित्त-पोषण सहित आतंकवाद से निपटने के लिए मजबूत प्रतिबद्धता की पुष्टि की गई।
- डिजिटलीकरण: डिजिटल वित्त व फिनटेक सहयोग, साइबर सुरक्षा एवं पूंजी बाजार संबंधी जुड़ाव को मजबूत किया जाएगा।
- सीमा-पार भुगतान के लिए UPI-पेनाउ लिंकेज की क्षमता का विस्तार और अधिकतम संभावनाओं को साकार किया जाएगा।
- कौशल विकास: इसमें चेन्नई (तमिलनाडु) में एडवांस्ड मैन्युफैक्चरिंग के लिए नेशनल सेंटर ऑफ एक्सीलेंस का संयुक्त रूप से विकास करना शामिल है।
- संधारणीयता: अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन और वैश्विक जैव ईंधन गठबंधन जैसे बहुपक्षीय मंचों पर हरित पहलों पर सहयोग किया जाएगा।
- इसमें ग्रीन हाइड्रोजन और अमोनिया उत्पादन में सहयोग को बढ़ाना, शहरी जल प्रबंधन तथा असैन्य परमाणु क्षेत्र में सहयोग की संभावनाएं तलाशना आदि शामिल है।
- कनेक्टिविटी: सिंगापुर पोर्ट और भारत के पोर्ट्स के बीच भारत-सिंगापुर ग्रीन एंड डिजिटल शिपिंग कॉरिडोर (GDSC) की स्थापना का समर्थन किया गया।
- स्वास्थ्य देखभाल सेवा और चिकित्सा: डिजिटल स्वास्थ्य व रोग की निगरानी में सहयोग को बेहतर बनाया जाएगा।
- लोगों के बीच जुडाव और सांस्कृतिक आदान-प्रदान: सामाजिक, सांस्कृतिक और लोगों के बीच जुड़ाव को मजबूत किया जाएगा।
उपर्युक्त के अलावा, दोनों पक्षों ने CSP की प्रगति की वार्षिक समीक्षा के लिए भारत-सिंगापुर मंत्रिस्तरीय गोलमेज सम्मेलन को संस्थागत रूप देने पर सहमति व्यक्त की।