यह भारत के सबसे तेजी से संपन्न होने वाले FTAs में से एक है। उल्लेखनीय है कि पिछले पांच वर्षों में भारत ने 6 FTAs पर हस्ताक्षर किए हैं। इनमें नवीनतम ओमान के साथ हुआ FTA भी शामिल है।
- मुक्त व्यापार समझौता (FTA) दो या दो से अधिक देशों के बीच एक ऐसा समझौता है, जिसमें देश वस्तुओं और सेवाओं के व्यापार को प्रभावित करने वाले कुछ दायित्वों, निवेशकों के संरक्षण, बौद्धिक संपदा अधिकारों आदि पर सहमत होते हैं।
भारत -न्यूजीलैंड FTA की मुख्य विशेषताएं
- शून्य-शुल्क बाजार पहुंच: यह भारत के शत-प्रतिशत निर्यात पर शून्य शुल्क आरोपित करता है। इससे व्यापार प्रतिस्पर्धात्मकता में काफी वृद्धि होगी।
- स्वास्थ्य सेवा और पारंपरिक चिकित्सा सहयोग: न्यूजीलैंड ने पहली बार स्वास्थ्य एवं पारंपरिक चिकित्सा सेवाओं पर एक अनुबंध (Annex) पर हस्ताक्षर किए।
- कृषि मूल्य श्रृंखला एकीकरण: कृषि उत्पादकता बढ़ाने और किसानों को वैश्विक मूल्य श्रृंखलाओं से जोड़ने के लिए 'कृषि उत्पादकता साझेदारी' की गई है।

भारत के लिए FTAs क्यों महत्वपूर्ण हैं?
- निर्यात बाजार का विविधीकरण: FTAs संयुक्त राज्य अमेरिका जैसे पारंपरिक बाजारों पर अत्यधिक निर्भरता को कम करते हैं। संयुक्त राज्य अमेरिका ने हाल ही में भारतीय उत्पादों पर 50% टैरिफ लगाया है।
- दीर्घकालिक निवेश को बढ़ावा: न्यूजीलैंड ने 15 वर्षों में 20 बिलियन अमेरिकी डॉलर निवेश करने की प्रतिबद्धता जताई है।
- MSME एकीकरण: FTAs भारतीय सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSMEs) को वैश्विक मूल्य श्रृंखलाओं से जोड़ते हैं। इससे निर्यात व रोजगार को बढ़ावा मिलता है।
- कुशल जनशक्ति की गतिशीलता: उदाहरण के लिए- भारत-न्यूजीलैंड FTA किसी भी समय IT, इंजीनियरिंग आदि क्षेत्रकों के 5,000 पेशेवरों के लिए अस्थायी रोजगार प्रवेश वीज़ा की सुविधा प्रदान करता है।
- प्रतिस्पर्धात्मकता में सुधार: शून्य या कम टैरिफ भारतीय सामानों को प्रभावी ढंग से प्रतिस्पर्धा करने में मदद करते हैं।
- रणनीतिक साझेदारी: FTAs आर्थिक कूटनीति और भारत के भू-राजनीतिक प्रभाव को मजबूत करते हैं।
- अन्य: निर्यात-आधारित संवृद्धि को प्रोत्साहित करते हैं आदि।